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दस गुना छोटे बच्चों को नुकसान पहुंचाता है मोबाइल का रेडिएशन, जानिए…

मोबाइल फोन्स आजकल लोगों की जीवनशैली का इस तरह से हिस्सा बन गया है कि अब उससे अपने आप को अलग करना लगभग नामुमकिन है। आज हर किसी के पास स्मार्टफोन है। तमाम तरह की जरूरतों की वजह से लोग सेल फोन्स पर बुरी तरह से आश्रित हो गए हैं। सेल फोन्स ने जाहिर तौर पर हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाने के महत्वपूर्ण साधनों में से एक है लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है। आज के वैज्ञानिक युग में मशीनों के जितने लाभ नहीं है उससे ज्यादा उसके नुकसान उभरकर सामने आते हैं। सेल फोन्स भी ऐसी ही एक मशीन हैं। इनके ज्यादा इस्तेमाल से हमारे दिमागी क्षमता पर काफी बुरा असर पड़ता है। आइए जानते हैं कि मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन किस तरह से हमारे दिमाग को नुकसान पहुंचाता है।

ब्रेन कैंसर का खतरा – विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोबाइल फोन्स से निकलने वाले रेडिएशन को कैंसर फैलाने वाले कारकों में वर्गीकृत किया है। इनके ज्यादा इस्तेमाल से ब्रेन कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है।

ब्रेन टिश्यूज के डैमेज होने का खतरा – फिनलैंड के रेडिएशन एंड न्यूक्लियर सेफ्टी अथॉरिटी द्वारा दो साल तक करवाए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि मोबाइल फोन्स से निकलने वाले रेडिएशन की वजह से दिमाग के ऊतकों के नुकसान पहुंचने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।

हो सकता है ब्रेन ट्यूमर – कई तरह को शोधों से यह पता चला है कि सेल फोन्स के ज्यादा देर तक लगातार इस्तेमाल करने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा काफी बढ़ जाता है।

बच्चों से दूर रखें मोबाइल – गेम्स आदि खेलने की वजह से आजकल छोटे बच्चे भी मोबाइल के आदती होते जा रहे हैं। यह उनकी सेहत के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक बच्चों के दिमाग का बोन मैरो किसी वयस्क के मुकाबले दस गुना ज्यादा मोबाइल फोन रेडिएशन अवशोषित करता है।

दिमाग पर रेडिएशन का प्रभाव – मोबाइल फोन्स इस्तेमाल किए जाने के 50 मिनट के अंदर ही हमारे दिमाग की कार्य प्रणाली को प्रभावित करना शुरू कर देता है। इससे यह साफ पता चलता है कि हमारा दिमाग इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन के लिए कितना संवेदनशील होता है। यह हमारे पर दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ने के लिए पर्याप्त है।

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