पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) सीजन-11 में अंपायर द्वार दिया गया एक हैरानी भरा फैसला विवाद खड़ा कर गया। मैच के दौरान निर्णायक वक्त में अंपायर ने नो-बॉल पर अपना अलग ही निर्णय लिया, जिसके चलते श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा भी भड़क गए। हुआ यूं कि पहले बल्लेबाजी करते हुए कराची किंग्स ने निर्धारित 20 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 163 रन बनाए। टारगेट का पीछा करते हुए लाहौर क्वालैंडर्स को आखिरी गेंद पर जीत के लिए 3 रन की जरूरत थी।
गेंद उस्मान खान के हाथों में थी। उस्मान ने नो-बॉल फेंकी और सोहेल अख्तर ने उसपर शॉट खेला, जो सीधा रवि बोपारा के हाथों में गया। इस दौरान बल्लेबाजों ने सिंगल ले लिया लेकिन अंपायर ने इस पर सिर्फ नो-बॉल का ही एक रन दिया, जिसके चलते मैच में विवाद खड़ा हो गया। आखिरी गेंद पर गुलरेज सद्दाफ ने डबल लेने की कोशिश की लेकिन दूसरे रन की फिराक में वह रन आउट हो गए और मैच टाई हो गया। हालांकि सुपर ओवर में जीत लाहौर ने ही दर्ज की लेकिन अंपायर का ये फैसला किसी की समझ में नहीं आया।
अंपायर का मानना था कि जब कैच लिया गया उस वक्त तक बल्लेबाजों ने रन पूरा नहीं किया था। इस मामले पर कुमार संगकारा ने ट्वीट के जरिए अपनी हैरानी जाहिर की। वहीं लाहौर ने भी इसका विरोध करने का फैसला लिया है।
पहले बल्लेबाजी करते हुए कराची की शुरुआत खराब रही और उसे महज 19 रन पर जोए डेनली (3) के रूप में पहला झटका लगा। हालांकि इसके बाद लिंडेल सिमंस ने बाबर आजम के साथ मिलकर 72 रन की साझेदारी जरूर की। इस दौरान सिमंस ने 39 गेंदों में 55, जबकि बाबर ने 49 बॉल पर 61 रन बनाए। मध्यक्रम ने टीम का खासा साथ नहीं निभाया और कॉलिन इंग्राम 12, रवि बोपारा 13 और शाहिद अफरीदी 6 रन ही बना सके। विपक्षी टीम की ओर से सोहेल खान ने सबसे अधिक 3 विकेट झटके। उनके अलावा यासिर शाह और शाहीन अफरीदी को 1-1 सफलता हासिल हुई।
इस लक्ष्य का पीछा करते हुए लाहौर की ओर से सलामी जोड़ी के रूप में फखर जमां (28) और अंटोन डेविच ने (24) सम्मानजनक पारियां खेलीं। उनके बाद तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए आगा सलमान ने 45 गेंदों में 50 रन बनाए। हालांकि मध्यक्रम कुछ खास योगदान नहीं दे सका और टीम 20 ओवर में 8 विके खोकर 163 रन बना सकी और मैच सुपर ओवर में आ गया। कराची की ओर से उस्मान खान और मोहम्मद इरफान जूनियर ने 2-2 विकेट झटके। उनके अलावा मोहम्मद आमिर-इमाद वसीम को 1-1 सफलता मिली। सुपर ओवर में मैच लाहौर के पक्ष में रहा।