फेंगशुइ के अनुसार विंड चाइम या विंड चेन घर में सौभाग्य लेकर आता है। फेंगशुइ चीनी वास्तुशास्त्र माना जाता है जो समय के अनुसार भारत में अपनी पहचान स्थापित कर रहा है। चीनी वास्तुशास्त्र के अनुसार ही आइने को महत्वता मिली है उसी तरह विंड चाइम को चीनी वास्तुशास्त्र में आवश्यक वस्तु के रुप में देखा जाने लगा है। ऐसी मान्यता है कि विंड चाइम का उद्भव प्राचीन काल में ही हो गया था लेकिन इसे पहचान बहुत समय बाद मिली है। मंदिर के बाहर लगने वाले विंड बेल के रुप में भारत में ही इसका उद्भव हुआ। इसके बाद दक्षिणी एशिया, चीन और बाली से होते हुए ये बेल्स तिब्बत तक पहुंचे। घर के अंदर सकारात्मकता का मुख्य स्त्रोत माना जाता है विंड चाइम। फेंगशुइ का मुख्य उद्देश्य सकारात्मक ऊर्जा यानि शाइ के मार्ग से अवरोधकों को हटाना होता है। इसका सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है।
चीनी वास्तुशास्त्र द्वारा माना जाता है कि विंड चाइम्स से निकलने वाली आवाज आस-पास के वातावरण से नकारात्मकता हटा कर उसे स्वच्छ करती है और प्रवाहित करने का रास्ता खोलकर भाग्य चमकाती है। वैसे तो सामान्य रुप से विंड चाइम्स लकड़ी, लोहे और अलग-अलग धातु के बने होते हैं लेकिन आपके लिए किस तरह की चाइम्स भाग्यशाली रहेगी ये इस पर निर्भर करता है कि इसे किस दिशा में टांगना है। यदि वास्तु के अनुसार घर की पश्चिमी, उत्तर पश्चिमी और उत्तर दिशा में विंड चाइम लगाना चाहते हैं तो आपके लिए धातु से बनी चाइम शुभ रहती है। लेकिन पूर्व, दक्षिण-पूर्व और दक्षिण दिशा की तरफ चाइम लगाने जा रहे हैं तो लकड़ी शुभ रहेगी। दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पूर्व और मध्य दिशा के लिए मिट्टी से बनी विंड चाइम आपके घर में सौभाग्य लाती हैं।
विंड चाइम घर के लिए लेने से पहले देखना चाहिए कि उसकी आवाज मधुर और कर्णप्रिय हो, इसके साथ देखें कि उसमें कितनी रॉड हैं। ये वास्तु के अनुसार शुभ माना जाता है। फेंगशुइ के अनुसार 6 या 9 रॉड वाली विंड चाइम लेना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि ये सौभाग्य को बढ़ाती है और दुर्भाग्य को कम करती है। यदि आपके घर में बीमारियों का वास रहता है तो घर में 5 रॉड वाली चाइम का प्रयोग किया जाना चाहिए। शांति स्थापित करने और किसी भी कलह से बचने के लिए 2 या 3 रॉड वाली विंड चाइम शुभ है।