बॉलीवुड में 80 के दशक के डांसिंग सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती शुरुआत में अपने रंग को लेकर काफी चिंतित रहते थे। अक्सर मिथुन अपने कॉम्प्लेक्शन को लेकर कॉम्पलेक्स फील किया करते थे। ऐसे में, मिथुन ने सोचा कि क्यों न वे विलेन बन जाएं। यह बात एक शो के दौरान खुद मिथुन चक्रवर्ती बताते हैं। मिथुन कहते हैं, “मुझे उस वक्त कॉम्प्लेक्स फील होने लगा था। मेरे आसपास सब गोरे लोग हुआ करते थे। रंग तो नहीं बदल सकते। ऐसे में मैंने सोचा कि मैं विलेन बनूंगा।”
मिथुन बताते हैं, “मैं फिल्म इंस्टीट्यूट गया, वहां मैंने पढ़ाई की और अच्छा रिजल्ट लाया। पहली फिल्म में मैंने अच्छा काम किया। लेकिन फिर भी मुझे रंग को लेकर थोड़ा कॉम्प्लेक्स रहता था। लेकिन फिर मैंने सोचा कि मैं अच्छा डांस कर सकता हूं, फाइटिंग सीन्स अच्छे करता हूं, मार्शल आर्ट्स अच्छे से कर सकता हूं। क्यों न इसी पर फोकस किया जाए। मैं क्यों न कुछ ऐसा करूं जिससे लोगों का ध्यान मेरे कॉम्प्लेक्शन पर न जाकर मेरे काम पर जाए। इसके बाद मैंने ऐसा ही किया, मैंने अच्छा डांस किया,अपने एक्शन सीक्वेंस पर मन से काम किया। और रिजल्ट मिला।”
मिथुन बताते हैं, “कॉम्प्लेक्शन को एक्सेप्ट करना थोड़ा मुश्किल था, क्योंकि जरा सा पीछे चले जाएं तो मेरी पिक्चर दिखती नहीं थी। लेकिन वक्त के साथ-साथ सब कुछ बदलने लगा। इसके बाद मैं ‘सेक्सी डस्की बंगाली बाबू’ बन गया।”
बता दें, मिथुन चक्रवर्ती ने अपने करियर की शुरुआत साल 1976 में फिल्म ‘मृगया’ से की थी। इस बीच मिथुन ने कई फिल्मों में काम किया। फिर साल 1982 में फिल्म ‘डिस्को डांसर’ आई। इस फिल्म में मिथुन ने स्ट्रीट डांसर बन कर दर्शकों को अपना दीवाना बनाया। मिथुन ने बॉलीवुड में लगभग 350 फिल्मों में काम किया। इसके अलावा उन्होंने बांग्ला, उड़िया और भोजपुरी में भी काम किया।