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किन हस्तियों को किया गया पद्म सम्मान से सम्मानित, जानिए रिपोर्ट…

इस वर्ष पद्म सम्मान के लिए चुने गए 84 लोगों में से शेष बचे 41 नागरिकों को सोमवार (2 अप्रैल) को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया गया है। इस दौरान पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, बिलियर्ड्स चैम्पियन पंकज आडवाणी और फिल्म अभिनेता मनोज जोशी सहित 41 महत्वपूर्ण व्यक्तियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार से नवाजा।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 20 मार्च को मशहूर संगीतकार इलैयाराजा और शास्त्रीय गायक गुलाम मुस्तफा खान सहित 39 हस्तियों को पद्म अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित होने वाली इन हस्तियों में पर्दे के पीछे रहकर भारतीय समाज के सुधार के लिए काम करने वाले ऐसे ‘गुमनाम नायक’ भी शामिल हैं, जिनका संघर्ष सुनकर कोई भी हैरान हो सकता है।

पद्म विभूषण

1. गुलाम मुस्तफा खान (महाराष्ट्र), कला और संगीत
2. इलैयाराजा (तमिलनाडु), कला और संगीत के क्षेत्र में
3. परमेश्वरन परमेश्वरन (केरल), साहित्य और शिक्षा

पद्म भूषण

1. वेद प्रकाश नंदा (अमेरिका), साहित्य एवं शिक्षा
2. फिलिपोस मार क्रिसोस्टम (केरल), अन्य
3. महेंद्र सिंह धोनी (झारखंड), स्पोर्ट्स-क्रिकेट
4. अलेक्जेंडर कदाकिन (मरणोपरांत- रूस), पब्लिक अफेयर्स
5. रामचंद्रन नागास्वामी (तमिलनाडु), अन्य
6.शारदा सिन्हा (बिहार), कला-संगीत
7. लक्ष्मण पई (गोवा), कला, पेंटिंग
8. अरविंद पारिखे (महाराष्ट्र), कला-संगीत
9. पंकज आडवाणी (कर्नाटक), स्पोर्ट्स-बिलियर्ड्स

पद्मश्री सम्मान पाने वाली 37 अन्य हस्तियों की फेहरिस्त में पूर्व टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन शामिल थे तो 500 हर्बल दवाइयां बनाकर हजारों लोगों की जान बचा चुकीं केरल की आदिवासी महिला लक्ष्मीकुट्टी का भी नाम शामिल है। मध्य प्रदेश की आदिवासी चित्रकारी को विदेशों तक पहुंचाने वाले गोंड चित्रकार भाज्जू श्याम भी पद्मश्री से सम्मानित किए गए।वहीं 20 साल तक घरों में नौकरानी का काम कर गरीबों के लिए अस्पताल का निर्माण करने वाली पश्चिम बंगाल की सुभाषिनी मिस्त्री को भी इस सम्मान से नवाजा गया था।

प्लास्टिक कचरे से सड़कें बनाने का कमाल करने वाले तमिलनाडु के राजगोपालन वासुदेवन और कर्नाटक के पिछड़े इलाकों में बिना किसी चिकित्सकीय सुविधा की उपलब्धता के दाई का काम करने वाले 90 साल से अधिक उम्र के खेतिहर मजदूर एस. नारासाम्मा को भी पद्मश्री सम्मान दिया गया था।

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