featured

इलियट के उस छक्‍के से, साउथ अफ्रीका की टीमो की आंखे नम हो गई

आज 24 मार्च है, वैसे तो आज की तारीख में क्रिकेट की दुनिया में कुछ खास बड़ा नहीं हुआ, लेकिन 2015 के बाद से यह तारीख खेल प्रेमियों के जहन में बस गई. सिर्फ खेल प्रेमी, जिनके लिए किसी देश की टीम मायने नहीं रखती,अहम है तो किसी टीम का प्रदर्शन और सब कुछ पान लेने की कोशिश. तीन साल पहले इसी तारीख को एक मैच हुआ था, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के बीच, जिसने सीमाओं के उस पार भी दोनों टीमों के प्रशंसकों की संख्या को बढ़ा दिया. 2015 वर्ल्‍ड कप के इस सेमीफाइनल में दोनों टीमें आसने सामने थी, फाइनल में पहुंचकर पहली बार खिताब अपने नाम करने के लिए. हर कोई चाहता था कि फाइनल में ये दो टीमें पहुंचे, लेकिन जाना तो किसी एक को ही था.

भले ही मैच के शुरुआत में बाकी देशों के प्रशंसको का झुकाव दोनों टीमों की तरफ रहा समान रहा हो, लेकिन अंत आते आते हर कोई साउथ अफ्रीका की जीत की दुआ मांगने लगा, लेकिन आखिरी गेंद पर ग्रांट इलियट के उस छक्के ने एक पल के लिए शायद समय को रोक दिया. इस मैच को इसलिए याद नहीं किया जाता कि न्यूजीलैंड ने फाइनल में प्रवेश कर लिया था, बल्कि इसलिए किया जाता है, क्योंकि यह मुकाबला भावनात्मक रूप के क्रिकेट इतिहास केे सबसे बड़े मुकाबलों में से एक था. वैसे इस मुकाबले से एक चीज है जो हम सबको सीखनी चाहिए, वो यह है कि दबाव में और जल्दबाजी में अक्सर हम गलतियां कर जाते हैंं, जिसका हर्जाना हमें कुछ बड़ा गंवा कर भरना पड़ता है. जिस तरह से मैच के अंतिम क्षणों में साउथ अफ्रीकन टीम ने किया.

करीब दो घंटे बारिश होने के कारण मैच को 50 की जगह 43 ओवर का कर दिया गया और पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका ने पांच विकेट पर 281 रन बनाए, लेकिन डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर लक्ष्य एक बार फिर सेट किया गया और न्यूजीलैंड को जीत के लिए 43 ओवर में 298 रन का लक्ष्य मिला. साउथ अफ्रीका की तरफ से फाफ डू प्लेसी ने 82 और एबी डिविलियर्स ने 65 रन की पारी खेली थी.

अब बारी थी मेजबान न्यूजीलैंड की, कप्तान ब्रेंडन मैकुलम ने आक्रामक पारी खेलकर मजबूत शुरुआत दी. ग्रांट इलियट ने नाबाद 84 रन की पारी खेली. हालांकि मैच कीवी टीम के खाते में ही जाता दिख रहा था, लेकिन पूरी पारी के दौरान कई ऐसे मौके बने जब साउथ अफ्रीकन टीम उन पर हावी रही और आखिरी की सात गेंदों पर मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया. इस समय कीवी टीम को सात गेंदों पर 14 रन बनाए थे. हालांकि लक्ष्य मुश्किल नहीं लग रहा था, लेकिन साउथ अफ्रीकन टीम ने यहां कोई कसर नहीं छोड़ी मैच को छिनने में. अगली गेंद पर साउथ अफ्रीका ने हाथ बाए मौके को दबाव में आकर गंवाया दिया. मॉर्केल की गेंद को इलियट ने हवा में खेला. बहुत अच्छा कैच था, लेकिन कैच न छूटे इस चक्कर में बेहरदीन और ड्यूमिनी आपस में टकरा गए और गेंद उनके हाथों से निकल गई. दवाब में साउथ अफ्रीकन टीम ने कोरी एंडरसन का भी कैच छोड़ दिया था.

आखिरी ओवर डेल स्टेन को दिया गया. इन छह गेंदों में कीवी टीम को 12 रन चाहिए थे. इस समय मैच में कुछ भी हो सकता है. 12 रन जीत दिला सकते थे तो 11 रन टाई करवा सकते थे. शुरुआती दो गेंदों पर दो रन लिए. विटोरी ने तीसरी गेंद पर चौका लगाया. अब तीन गेंद पर छह रन की जरूरत थी. अगली गेंद पर सिर्फ एक रन आया. दो गेंद पर कीवी टीम को पांच रन चाहिए थे, अगर यहां गेंदबाज अपना कमाल दिखा पाने में सफल रहते तो जश्न साउथ अफ्रीकन खेमे में होता, स्टेन ने इलियट को गेंद फेंकी और इस गेंद पर इलियट ने कोई भी गलती न करते हुए बाउंड्री पार पहुंचा दिया. इसी शॉट के डेल स्टेन, मॉर्ने मॉर्केल, कप्तान एबी डिविलियर्स सहित तमाम प्रशंसकों की आंखों को गिला कर दिया.

एबी डिविलियर्स के अपने आॅटोबायोग्राफी में इस पल का जिक्र करते हुए कहा है कि जैसे ही गेंद ने बाउंड्री पार की, उन्हें कुछ भी महसूस नहीं हुआ कि उनके आस पास कौन है, कुछ सेेकंड के लिए उनके दिमाग ने उनका साथ देने से भी मना कर दिया था, लेकिन अगले ही पल उनको अपनी आंखों के सामने मॉर्ने मॉर्केल दिखाई दिए, जो जहां पर फील्डिंग कर रहे थे, वहीं बैठे गए थे और फिर उनकी नजर डेल स्टेन पर पड़ी, जो पिच पर लैटे थे. दोनों टीमों ने अपने खेल और खेल भावना के दम पर लोगों का दिल जीत लिया, जिसे आज भी लोग याद करते हैं.

Leave a Reply

Exit mobile version