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युजवेंद्र चहल ने बनाया ऐसा रिकॉर्ड जो अब तक कोई भारतीय नहीं बना सका, जानिए…

श्रीलंकाई टीम शुक्रवार को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेले गए दूसरे टी-20 में रनों की बरसात में भारत से पीछे रह गई और शुरुआती संघर्ष के बाद 88 रनों से मैच गंवा बैठी। इसी के साथ भारत ने तीन टी-20 मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त ले ली है। इस मैच में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने जिस अंदाज में बल्लेबाजी की, उसे देखकर हर कोई दंग रह गया। उन्होंने टी20 क्रिकेट में सबसे तेज शतक लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। इसके अलावा सलामी बल्लेबाज के एल राहुल ने भी शानदार बल्लेबाजी की। वह अपने दूसरे टी-20 शतक से 11 रनों से चूक गए। उनकी 49 गेंदों की पारी का अंत नुवान प्रदीप ने किया। राहुल ने अपनी पारी में पांच चौके और आठ छक्के लगाए।

चहल का जलवा कायम: लेकिन 261 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम को रोकने में जिस गेंदबाज ने बेहद अहम भूमिका निभाई वह थे युजवेंद्र चहल। मैच में चार विकेट झटकने वाले चहल ने भी एक अहम रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। चहल पहले भारतीय और 10वें एेसे खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने टी20 में 3 बार चार विकेट लेने का कारनामा किया है। इसके अलावा टी20 में एक कैलेंडर वर्ष में 3 बार चार विकेट लेने वाले भी वह पहले खिलाड़ी हैं। अब तक 5 खिलाड़ी एक वर्ष में दो बार 4 विकेट ले चुके हैं। इसके अलावा चहल एेसे चौथे खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने टी20 प्रारूप में लगातार 4 विकेट लेने का कारनामा किया है। अजंता मेंडिस ने साल 2008, उमर गुल ने 2012-2013 और मुदास्सर बुखारी ने 2015-16 में लगातार 4 विकेट लिए थे।

चहल का दूसरे छोर पर कुलदीप यादव ने भी बखूबी साथ दिया। उन्होंने तीन विकेट लिए। कुलदीप ने कहा कि कप्तान रोहित शर्मा और महेंद्र सिंह धोनी ने उनकी विकेट लेने में मदद की। मैच के बाद उन्होंने कहा, “पहले तीन ओवर में 45 रन दिए, लेकिन मैं तब भी विकेट लेने के बारे में सोच रहा था। मैं जानता था कि अगर मैं एक विकेट ले लेता हूं तो मुझे दूसरा विकेट मिल जाएगा। पहला ओवर जो मैंने डाला था, उसमें हवा में धीमी गेंद डाली थी, लेकिन विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छी थी और गेंद बल्ले पर बड़ी आसानी से आ रही थी।

इसके बाद मैं फिर बाहर गेंदें डाल रहा था।” उन्होंने कहा, “फिर मुझे महसूस हुआ कि मुझे विकेट पर गेंदबाजी करने की जरूरत है। वो (धोनी और रोहित) मेरा समर्थन कर रहे थे और कह रहे थे कि विकेट के लिए जा। यह छोटा मैदान है जिसकी बाउंड्री छोटी हैं। धौनी और रोहित मुझसे बाहर गेंद डालने और ऑफ स्टम्प के बाहर वैरिएशन का इस्तेमाल करने को बोल रहे थे। तीन ओवरों में सात विकेट ने वाकई मैच का रूख बदल दिया।”

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