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एयर इंडिया की फ्लाइट से कॉन्‍टेक्‍ट न हो पाने पर हंगरी ने पता लगाने के लिए भेजे लड़ाकू विमान

भारतीय विमानन कंपनियों को यूरोपियन आकाश में कॉन्‍टेक्‍ट खोने की समस्‍या से दो-चार होना पड़ रहा है। शुक्रवार(10 मार्च) को एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन-न्‍यूयॉर्क फ्लाइट ने हंगरी के आकाश में एयर ट्रेफिक कंट्रोल(एटीसी) से संपर्क गंवा दिया। विमान लगभग एक घंटे तक संपर्क से बाहर रहा। इसके चलते हंगरी ने अपने लड़ाकू विमान एयर इंडिया की फ्लाइट का पता लगाने के लिए भेज दिए। इस फ्लाइट में 231 यात्री और 18 क्रू मेंबर सवार थे। एयर इंडिया के प्रवक्‍ता ने बताया कि लगातार अस्थिरता के चलते संपर्क टूट गया। फ्लाइट सरदार वल्‍लभभाई अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ी थी और सुरक्षित लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर उतर गई।

एयर इंडिया के अधिकारी ने बताया, ”हमारे फ्लाइट सेफ्टी के मुखिया जांच कर रहे हैं कि कैसे प्‍लेन 45 मिनट से एक घंटे तक संपर्क गंवा देते हैं। जांच पूरी होने तक पायलट ड्यूटी से दूर रहेंगे।” बता दें कि लंबे समय तक संपर्क टूटने की अवधि के दौरान विमान 600-800 किलोमीटर की दूरी तय कर लेते हैं। यह लंबी दूरी होती है और कई बार तो इस दूरी में विमान एक देश से दूसरे देश के आकाश में प्रवेश कर जाते हैं।

बता दें कि पिछले महीने जेट एयरवेज की मुंबई से लंदन जाने वाली फ्लाइट का भी यूरोप में एटीसी से संपर्क टूट गया था। इसके बाद जर्मन एयर फोर्स के दो विमानों को इसकी तलाश के भेजा गया। फ्लाइट में 300 यात्री सवार थे। घटना काफी गंभीर थी और उस समय हुई जब विमान जर्मनी के आसमान से गुजर रहा था। जैसे ही संपर्क टूटने की जानकारी मिली तो तुरंत लड़ाकू विमानों को तलाश में भेजा गया। जर्मनी के कोलोन शहर के बाद बोइंग 777 का संपर्क टूटा। जेट एयरवेज की ओर से इस बारे में बताया गया कि फ्लाइट 9W 118 मुंबई-लंदन का स्‍थानीय एटीसी से कुछ देर के लिए संपर्क टूट गया था। कुछ मिनट बाद संपर्क फिर जुड़ गया था। जर्मन एयर फोर्स ने एहतियात बरतते हुए अपने विमानों को भेजा। डीजीसीए सहित सभी अधिकारियों को मामले की रिपोर्ट भेज दी गई। प्रकिया के तहत फ्लाइट के क्रू को जांच पूरी होने तक हटा लिया गया है।

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