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विरोध के चलते खारिज हुआ पीएफ खाते में अंशदान घटाने का प्रस्ताव

केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज (28 मई, 2017) कर्मचारी भविष्य निधी संघठन (ईपीएफओ) को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश की सीमा को बढ़ाकर 15 फीसदी तक किए जाने की अनुमति दे दी है। वर्तमान में ये सीमा 10 फीसदी तक है। फैसला रिटायर्ड फंड बॉडी द्वारा सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की बैठक के दौरान लिया गया। इस दौरान सीबीटी बैठक की अध्यक्षता करने वाले दत्तात्रेय ने कहा, ‘सीबीटी मीटिंग के दौरान हमने वापसी दर को देखते हुए हमने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश की सीमा बढ़ाकर 10 से 15 फीसदी तक कर दी है।’ इस दौरान उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा, ‘हमने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करने का फैसला साल 2015 में लिया था। हालांकि उस दौरान तब पांच फीसदी ही निवेश किया गया था। साल 2016 में निवेश को 10 फीसदी तक बढ़ाया गया था।’

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि पहले साल में हमने 6,577 करोड़ का निवेश किया। दूसरे साल में ये बढ़कर 14,982 करोड़ तक पहुंचा। और अब अप्रैल 2017 तक कुल निवेश 22,858.69 करोड़ तक पहुंच चुका है। मुझे आपको बताते हुए इस बात की खुशी हो रही है कि ईपीएफ में हमारे निवेश में रिटर्न की दर 13.72 है। इस निवेश से अबतक 234.86 करोड़ रुपए लाभ के रूप में मिल चुके हैं। ये पूछे जाने पर कि ईपीएफओ अपने ग्राहकों को इसका लाभ कैसे वितरित करेगा। तब लेबर सचिव एम सत्यवती ने कहा, ‘ये पैसा सेंसेक्स, निफ्टी और केंद्रीय पब्लिक सेक्टर ईटीएफ में निवेश किया जा रहा है। ये तीन ईटीएफ हैं जहां हमें निवेश की इजाजत देते हैं।’

एम सत्यवती ने आगे कहा कि अब हमें निकास पॉलिसी को फ्रेंम में लाने की जरूरत है। एक बार जब हम इससे रेवेन्यू या आय अर्जित करते हैं तो इसे जमा कर दिया जाएगा और इसके सदस्यों को ये पैसा दे दिया जाएगा। लेबर सचिव एम सत्यवती ने जानकारी देते हुए आगे बताया कि आज चर्चा के दौरान इस पर सदस्यों ने स्पष्टीकरण मांगा। इसलिए ईपीएफओ अगली सीबीटी बैठक में एक और प्रजेंनटेशन देने का मन बना रहा है। हमने आईआईएम बैंगलोर से इस अध्ययन करने और हमें विकल्प देने का अनुरोध किया था। इसपर उन्होंने हमें विकल्प दिए जिसे हम आज मीटिंग के दौरान प्रस्तुत कर चुके हैं। हालांकि सदस्य इसकी जांच के लिए कुछ और समय चाहते हैं।

वहीं केंद्रीय बोर्ड ऑप ट्रस्टी ने आज श्रमिकों और नियोक्ताओं के अनिवार्य योगदान को 10 फीसदी तक कम करने का प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। वर्तमान में कर्मचारी और नियोक्ता कर्मचारी भविष्य निधि, योजना कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) और कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (ईडीएलआई) में मूल वेतन का 12 फीसदी तक का योगदान करते हैं। मामले में नियोक्ता, कर्माचरी और सरकारी प्रतिनिधियों ने इसके बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि ये 12 फीसदी तक जारी रहना चाहिए।

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