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संसद में पास हो गया यह बिल तो 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी

निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी को टैक्स से छूट मिल सकती है। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि कर मुक्त ग्रैच्युटी सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये तक करने संबंधित विधेयक संसद के मॉनसून सत्र में पेश किया जा सकता है। “यह मुद्दा काफी पहले से हमारे एजेंडा में है। इस सत्र में इसे लाया जा सकता है। कैबिनेट से मंजूरी के लिए भी इसे जल्द भेजा जाएगा।” कैबिनेट से इसे मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की तरह ही निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी काफी फायदा मिलेगा। बिल को अभी केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलना बाकी है।

बता दें निजी कंपनियों में पांच साल की सर्विस देने पर ही कर्मचारियों को ग्रच्युटी का भुगतान कंपनी द्वारा किया जाता है। ऐस ही कई और नियमों में रियायत देने के लिए कई ट्रेड यूनियन, श्रम मंत्रालय को लगातार अवगत कराती रही हैं। साथ ही कंपनियों द्वारा कम-से-कम 10 कर्मचारी होने की शर्त को हटाने की मांग भी ट्रेड यूनियनों द्वारा उठाई गई है। पेमेंट्स ऑफ ग्रेच्युटी (संशोधन) बिल के जरिए 10 लाख की टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख कर दिया जाएगा। अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो, इससे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के वक्त ग्रेच्युटी का पैसा ज्यादा मिलेगा। संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत 17 जुलाई को होगी।

गौरतलब है बीते फरवरी महीने में केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने श्रम मंत्रालय के साथ द्विपक्षीय विचार-विमर्श में इस प्रस्ताव पर सहमति जतायी थी। ट्रेड यूनियनों की मांग है कि अधिकतम राशि के संदर्भ में संशोधित प्रावधान एक जनवरी 2016 से प्रभावी हो जैसा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मामले में किया गया है। इसके अलावा यूनियनों ने यह मांग भी उठाई है कि ग्रैच्युटी के तहत प्रत्येक पूरे हुए सेवा वर्ष के लिये 15 दिन के वेतन के बजाय 30 दिन का वेतन दिया जाए।

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