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ऑपरेशन ब्लूस्टार की 33वीं बरसी

6 मई को ऑपरेशन ब्लूस्टार की 33वीं बरसी है। इस मौके पर मंगलवार को स्वर्ण मंदिर में सिख धर्म के कुछ लोगों ने देश विरोधी नारेबाजी करते हुए “खालिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए। ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर हर साल सिख समुदाय के लोग यहां इक्ट्ठा होते हैं। इससे पहले सन् 2015 में भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला था, जब कुछ लोग भिंडरावाला टी-शर्ट पहनकर आए थे और ‘1984 नहीं भूलेंगे’ जैसे नारे लगाए थे। रिपोर्ट् के मुताबिक, कुछ साल पहले स्वर्ण मंदिर के भिंडरावाला टी-शर्ट और इससे संबंधित दूसरी चीजें सरेआम बेची गई थीं।

क्या था ऑपरेशन ब्लूस्टार:
ऑपरेशन ब्लूस्टार एक मिलिट्री ऑपरेशन था, जिसका आदेश पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था। इसके तहत 1984 में सेना स्वर्ण मंदिर में घुसे अलगाववादियों को बाहर खदेड़ने के लिए घुसी थी। यह ऑपरेशन 1 जून से 6 जून तक चला था। अलगाववादियों का नेतृत्व जरनैल सिंह भिंडरावाला कर रहा था, उसपर स्‍वर्ण मंदिर में हथियार व गोला-बारूद जुटाने का आरोप था। अलगाववादियों के पास राइफल्‍स, असाल्‍ट वेपंस और ग्रेनेड जैसे हथियार थे। भारतीय सेना ने टैंक, हेलिकॉप्‍टर्स और युद्ध के अन्‍य हथियारों का इस्‍तेमाल इस ऑपरेशन में किया था।

5 जून, 1984 को भारतीय सेना ने भिंडरावाला और उसके समूह को मंदिर से बाहर निकालने के लिए भयंकर हमला बोला था। उग्रवादियों ने श्रद्धालुओं को मंदिर के भीतर बंधक बना लिया था।  सेना को आदेश दिए गए थे कि हरमिंदर साहिब कॉम्पलेक्स में घुसे उग्रवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाला और हथियारबंद उनके सभी फॉलोअर्स को मिटा दिया जाए। सेना ने भिंडरावाला को मारने के लिए टैंक तक का इस्तेमाल किया। आखिर में भिंडरावाला और उसके अनुयायीयों को मार गिराया गया था।

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