रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा ट्विटर पर दिया गया नई रेल लाइन का प्रस्ताव तीन मिनट के अंदर स्वीकार कर लिया। मुख्यमंत्री ने परियोजना की आधी लागत साझा करने की पेशकश की, जिसे रेल मंत्री ने स्वीकार कर लिया। पटनायक ने 28 अप्रैल को रात दस बजकर चार मिनट पर ट्विटर पर पुरी और कोणार्क के बीच नई लाइन का प्रस्ताव दिया था और प्रभु ने दस बजकर आठ मिनट पर सकारात्मक जवाब दिया। ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पुरी से कोणार्क के बीच पर्यटन की संभावना बढ़ाने के लिए नए रेल लाइन की आधी कीमत साझा करने का प्रस्ताव रखा।’’ मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ओड़िशा के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु से इस परियोजना को जल्द मंजूरी देने और समय पर पूरा करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर करने की अपील की।’’
प्रभु ने तुरंत ट्वीट कर जवाब दिया, ‘‘हम किसी भी दिन इस पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं, हम इसका इंतजार कर रहे हैं क्योंकि राज्यों के साथ संयुक्त उपक्रम पर साझीदारी की हमने पहल की थी।’’ पटनायक ने कहा कि राज्य की भागीदारी के साथ रेलवे के लिए रिटर्न की दर 20 फीसदी से ज्यादा होगी। रेल मंत्री सोशल मीडिया पर एक्टिव होने के अलावा रेलवे में काम को लेकर काफी सख्त भी हैं। कुछ दिनों पहले ट्रेनों के देरी से चलने की बढ़ती शिकायतों के बीच रेल मंत्री ने संबधित अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा था कि वे समय की पाबंदी में सुधार लाएं या ‘‘कार्रवाई का सामना करें।’’
जोनल प्रमुखों से कहा गया था कि रात में 10 बजे से सुबह सात बजे के बीच रात्रिकालीन पाली में एक वरिष्ठ अधिकारी की तत्काल तैनाती की जाए। तैनात अधिकारी स्थिति की निगरानी करेंगे और ट्रेनों के परिचालन में देरी को रोकने के लिए अगर कोई समस्या है तो उसे दूर करेंगे। इसके साथ ही रेल मंत्री ने उन विसंगितियों पर भी गौर किया है जिसमें भारतीय रेल की आधिकारिक वेबसाइट नेशनल ट्रेन इनक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) पर उपलब्ध आंकड़ों और ट्रेनों के चलने के वास्तविक समय में अंतर महसूस किया जाता है। अधिकारियों को लिखे एक पत्र में प्रभु ने समस्याओं को दूर करने के लिए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने को कहा है।