केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी फिर विवादों में हैं। इस बार विवाद की वजह उनके पति जुबिन ईरानी हैं। आरोप है कि स्मृति के पति जुबिन ईरानी ने मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पास करोड़ों की जमीन फर्जीवाड़ा कर अपने फर्म के नाम रजिस्ट्री करा ली है। मामले का खुलासा तब हुआ जब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तीन दिनों के लिए गुपचुप तरीके से बांधवगढ़ पहुंची। इस दौरान जमीन की सीमाबंदी कराई जाने लगी लेकिन जिस जमीन की सीमाबंदी हो रही थी उसमें स्कूल की जमीन भी शामिल थी। इंडिया न्यूज के मुताबिक ये जमीन उमरिया जिले के ग्राम कुचवाही के खसरा नंबर 75 की है जिस पर शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के हेडमास्टर ने भी स्कूल का दावा ठोक दिया। बतैर हेडमास्टर जिस जमीन की सीमाबंदी केंद्रीय मंत्री के लोग करा रहे हैं वह स्कूल का खेल मैदान है।
भू-माफियाओं ने हेराफेरी और कागजातों में फर्जीवाड़ा कर विवादित जमीन को जुबिन ईरानी के फर्म मार्केज हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड को बेच दी। हेडमास्टर जानकी तिवारी ने मीडिया को बताया कि जब केंद्रीय मंत्री के लोग जमीन की घेराबंदी कराने आए तो उन्होंने स्कूल की जमीन निकालकर घेराबंदी करने को कहा लेकिन उनलोगों ने उनकी नहीं सुनी। स्कूल के हेडमास्टर का दावा है कि सरकारी विभाग से उस जमीन को स्कूल के नाम रजिस्ट्री करने के लिए पत्राचार चल रहा था, तभी इस बीच उसे भूमाफिया ने फर्जीवाड़ा कर हाई प्रोफाइल लोगों को बेच दिया।
दरअसल, जिस जमीन पर विवाद हो रहा है उसके मालिकाना हक की कहानी दिलचस्प है। इस जमीन के असली मालिक की मौत हो चुकी थी। उनका कोई वारिस नहीं था। लिहाजा, वो जमीन शासन की जमीन हो गई लेकिन बहुत दिनों बाद भू-माफिया ने जमीन के असली मालिक के छोटे भाई और भतीजे को खड़ा कर उस जमीन का मालिकाना हक हासिल कर लिया और कुछ दिनों बाद उसे बेच दिया। हैरत की बात यह है कि असली मालिक के छोटे भाई की उम्र दिवंगत बड़े भाई की उम्र से ज्यादा थी। इसके अलावा इस जमीन को बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों का पता एक ही है। यह पता रीवा का है जो किसी दिवंगत भाजपा नेता की जमीन है। इंडिया न्यूज के मुताबिक वो पता भी फर्जी है क्योंकि वहां रिहायश नहीं है।
गौरतलब है कि स्मृति ईरानी के पति ने अपनी फर्म के नाम से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से सटे दो गाँव कुचवाही और बिझरिया में तकरीबन 13 एकड़ जमीन खरीदी है। लेकिन जब मामला मीडिया में पहुंचा तो प्रशासनिक अधिकारियों ने तो पहले चुप्पी साध ली लेकिन बाद में जांच का भरोसा दिया। इधर, इस मसले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता पुष्पराज सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रशासन लीपापोती कर रहा है क्योंकि मामला भाजपा के हाई प्रोफाइल नेता से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े मामले में एसडीएम ने बिना जांच किए ही कह दिया कि जमीन स्कूल की नहीं है।