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केंद्र ने उपभोक्ताओं को सलाह देते हुए कहा, ये

SI News Today

रेस्तरां में भोजन पर लगने वाले सर्विस चार्ज को लेकर सरकार ने एक बार फिर उपभोक्ताओं को चेताया है। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने कहा कि रेस्तरां द्वारा जो खाने पर सर्विस चार्ज लगाया जा रहा है ये गैरकानूनी है। विभाग ने उपभोक्ताओं को सलाह देते हुए कहा कि अगर बदहाल रेस्तरां और होटल जबरन सर्विस चार्ज लेते हैं तो वो इसके खिलाफ उपभोक्ता अदालत में जा सकते हैं। बता दें कि सरकार ने बीते अप्रैल में भी दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें रेस्तरां द्वारा जबरन सर्विस चार्ज वसूलने को रोकना था। इस दौरान विभाग ने कहा कि उपभोक्ता की खुद की मर्जी है कि वो सर्विस चार्ज देना चाहता है या नहीं। उपभोक्ताआ विभाग के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव ने कहा, ‘सर्विस चार्ज और इसी तरह की कुछ चीज जैसे टिप ये सभी उपभोक्ता पर निर्भर करता हैं कि वो देना चाहता है या नहीं। इसके लिए रेस्तरां मालिक उनसे जबरदस्ती नहीं कर सकते। हमने अप्रैल में इस संबंध में गाइडलाइंस भी जारी की। जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि अगर कोई रेस्तरां उनसे जबरन सर्विस चार्ज वसूलता है तो वो कंजूमर कोर्ट जा सकते हैं। उपभोक्ता हमसे भी इसकी शिकायत कर सकते हैं। जिसके बाद हम उन्हें जानकारी देंगे कि वो कैसे संबंधित रेस्तरां के खिलाफ अदालत में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसमें हमारी भूमिका मध्यस्थता और अनुनय की होगी।’

जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे रेस्तरां द्वारा उपभोक्ताओं से सर्विस चार्ज वसूलना गैर कानूनी है जहां सर्विस चार्ज जैसी सुविधाएं ही उपलब्ध ना हों। सरकार ने ग्राहक को अधिकार दिया है कि अगर वो रेस्तरां की सुविधा से संतुष्ट नहीं है तो वो सर्विस चार्ज ना दे। होटल के पास भी इसका अधिकार नहीं है कि ग्राहकों पर जबरन सर्विस चार्ज लगाएं। ये ग्राहक और होटल के बीच है क्योंकि अगर ग्राहक चाहे तो वो सर्विस चार्ज दे अन्यथा वो इसके लिए इंकार भी कर सकता है। वहीं मामले में नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन और इंडिया का कहना है कि होटलों और रेस्तरां द्वारा ग्राहकों से सर्विस चार्ज लेने के दौरान कानून का उल्लंघन नहीं किया जाएगा।

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