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खुले में पेशाब करने वाले केंद्रीय मंत्री राधामोहन स‍िंह के समर्थन में आए कई लोग

केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा खुले में पेशाब करने संबंधी तस्वीर वायरल होने के बाद जहां देशभर में लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं, वहीं बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो यह मानते हैं कि राधामोहन सिंह ने कुछ भी गलत नहीं किया है। लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर जाहिर कर रहे हैं। गुरुवार को दिनभर सोशल मीडिया और मीडिया पर ये खबर छायी रही कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने खुले में पेशाब कर नरेंद्र मोदी सरकार के स्वच्छ अभियान को ठेस पहुंचाई है। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा है, “अगर देश के कृषि मंत्री को एक टॉयलेट ढूंढ़ने में इतनी परेशानी हो सकती है तो आप अंदाजा लगाइए कि बिहार की महिलाओं के लिए यह कितना दर्दनाक और दुखदायी होगा।” उस यूजर ने स्वच्छ भारत मिशन की सफलता पर ही प्रश्नचिह्न खड़ा किया है। एक दूसरे यूजर ने लिखा है कि इस तस्वीर के बहाने ही सही लेकिन 70 सालों में यूरिनल्स की उपलब्धता की सच्चाई सबके सामने आ गई है।

गौरतलब है कि स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को हुई थी मगर दो साल से भी ज्यादा का समय बीत जाने के बाद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। इस बात की पुष्टि खुद एक सरकारी सर्वे ने ही कर दी है। एनएसएसओ के सर्वे के मुताबिक, देशभर में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए लगभग 10 में से 6 टॉयलेट्स में पानी की पर्याप्त सप्लाई ही नहीं है। यह सर्वे केंद्र की मोदी सरकार के 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के मिशन की हकीकत को बयां करता है। सर्वे के मुताबिक 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद लगभग 3.5 करोड़ शौचालय बनाए गए। केंद्र सरकार ने लोगों को शौचालय बनवाने के लिए सब्सिडी दी। मगर सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में 55.4% लोग आज भी खुले में शौच करने को मजबूर होते हैं क्योंकि शौचालयों में पानी की सप्लाई नहीं है।

एनएसएसओ ने 1 लाख घरों के सैंप्ल्स लेकर रिपोर्ट जारी की है। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक शहरों की 7.5% आबादी आज भी खुले में शौच करने को मजबूर है। सर्वे के मुताबिक स्वच्छता नहीं होने की वजह से ग्रामीण इलाकों में लगभग 833 मिलियन और शहरों में 377 मिलियन लोग बीमार पड़ने के खतरों से जूझते हैं। बता दें इससे पहले भी कई घरों के शौचालयों में पानी की सप्लाई और ड्रेनेज की सुविधा नहीं होने की वजह से, कई लोगों के अपने शौचालयों को स्टोर रूम में बदल देने की खबरें सामने आई थीं।

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