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नीम के पेड़ की पत्तियां कैसे हो गई मीठी, जानिए…

साईं को उनके भक्त साईं बाबा के नाम से भी जानते हैं। साईं के नाम को लेकर वैसे तो कई विवाद हैं लेकिन उन में मान्यता रखने वाले लोग इस काल में भी उन्हें चमत्कारी मानते हैं। शिरडी वाले साईं बाबा एक भारतीय गुरु, योगी और फकीर थे जिन्हें उनके भक्तों द्वारा संत कहा जाता है। आज उनकी मंदिरों में पूजा की जाती है। साईं के जन्म और वास्तविकता का पता किसी को नहीं है और ना ही उनके जन्म और परिवार के तथ्य कहीं मिलते हैं। अगर कोई उनसे उनके जीवन के बारे में सवाल करता था तो वो टाल दिया करते थे। साईं 16 वर्ष की आयु में महाराष्ट्र के अहमदनगर में आ गए थे। इसके बाद ही उनका नाम साईं पड़ा था।

शिरडी नामक स्थान पर साईं का मंदिर उनके भक्तों द्वारा बनाया गया है। साईं यहां लोगों से भिक्षा लेकर जीवित रहते थे। साईं का जीवन बहुत ही सरल था। कई लोग ये मानते हैं कि साईं मुस्लिम थे, लेकिन जो तथ्य मिलते हैं उनके अनुसार ये माना जाता है कि वो मुस्लिम भिक्क्षकों के साथ रहते थे और उन्हीं के साथ भिक्षा के लिए जाया करते थे। साईं का मंदिर जहां स्थापित किया गया है वहां एक नीम का पेड़ है, माना जाता है कि साईं उसी पेड़ के नीचे विश्राम करते थे। ये पूरी दुनिया में एक रहस्य है कि उस नीम के पेड़ की पत्तियां मीठी कैसे हैं।

ऐसी मान्यता है कि ये पेड़ पहले कड़वी पत्तियां ही प्रदान करता था लेकिन साईं की मृत्यु के पश्चात उन्हें इस पेड़ के पास दफना दिया गया था तब से इस पेड़ की पत्तियां मीठी हो गई हैं। इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इस पेड़ की पत्तियों का भोग करते हैं और साथ ही कुछ अपने साथ ले जाते हैं। भक्तों में ऐसी मान्यता है कि इस नीम के पेड़ की पत्तियों को खाने से कई तरह की बिमारियों का अंत हो जाता है।

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