अगर आपने परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) को आधार कार्ड से नहीं जोड़ा तो हो सकता है कि 31 दिसंबर के बाद यह अवैध हो जाए. दरअसल, इनकम टैक्स रिटर्न और पैन के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के सरकार के फैसले के बाद इसे वित्तीय लेनदेन (फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन) के लिए जरूरी नंबर बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया गया है.
सरकार पूरे फाइनैंशल सेक्टर में आधार आधारित नो योर कस्टमर (KYC) को इंटीग्रेट करने पर विचार कर रही है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सहित सभी रेग्युलेटर्स के साथ विचार-विमर्श कर रही है। उन्होंने कहा, ‘आधार KYC एक तुरंत, इलेक्ट्रॉनिक और मजबूत प्रमाण उपलब्ध कराता है, जिससे सेवा उद्योग की प्रक्रिया बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।’
1 जुलाई से आईटी रिटर्न दाखिल करने के लिए ‘आधार’ ज़रूरी
सरकार ने फाइनैंस बिल में एक संशोधन के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने और परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) के लिए आवेदन पर आधार को अनिवार्य बना दिया है। अधिकारी ने कहा, ‘जिन लोगों के पास पहले से आधार मौजूद है, उन्हें किसी भी वित्तीय मध्यस्थ (फाइनैंशल इंटरमीडियरी) को अपने अंगूठे का निशान उपलब्ध कराना होगा। इसे संबंधित सेक्टर की रिपोर्टिंग एंटिटि को दिया जाएगा, जो इसे UIDAI डेटाबेस से वैलिडेट करेगी।’
एक से अधिक PAN कार्ड रखने वालों पर इनकम टैक्स विभाग की नजर
गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि देश में 98 प्रतिशत व्यस्कों या 108 करोड़ से अधिक लोगों को आधार नंबर जारी किया जा चुका है और इसी वजह से सरकार इसका इस्तेमाल बढ़ा रही है। उन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने और PAN के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने की संसद की मांग को खारिज कर दिया था।
आपको क्या करना होगा
incometaxindiaefiling.gov.in पर इससे जुड़ी जानकारी देखी जा सकती है. जानकारी के अनुसार, लॉगिन करने के बाद विशिष्ट पहचान संख्या जोड़ने की सुविधा के लिए विंडो दिखाई देगी. अपना उपलब्ध आधार नंबर दी गई जगह पर भरें. इसके बाद यह जांचें कि आपकी व्यक्तिगत जानकारी (नाम, जन्म तिथि, लिंग) पैन में दी गई जानकारी के साथ मेल खाती है या नहीं. इसके बाद ‘लिंक नाऊ’ पर क्लिक करें. पैन और आधार का जानकारी मिलने के बाद दोनों को जोड़ दिया जाएगा.