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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा और भी मजबूत

किसी भी खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा हाल में बहुत कड़ी कर दी है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक बैठकों में किसी भी स्टेज, तंबू, मंच या अन्य किसी अस्थाई स्ट्रक्चर का उपयोग करने से पहले उसकी जांच की जाएगी। जिसके बाद फायर डिमार्टमेंट द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद ही इन्हें इस्तेमाल में लाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने ब्लू बुक में संशोधन किया है, जोकि प्रधानमंत्री को सुरक्षा के लिए प्रोटोकॉल देता है। संशोधन में प्रधानमंत्री यात्रा के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा के लिए नया पैरा डाला गया है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि हाल की घटना में रैलियों या मीटिंग में मंचों की ढहने की घटनाओं में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं सुरक्षा एजेंसियों को अतिरिक्त सुरक्षा के मुद्दों के बारे में जानकारी मिली है जिनका सामना प्रधानमंत्री मोदी को करना पड़ सकता है। इसलिए अब प्रधानमंत्री द्वारा किसी भी अस्थाई स्ट्रक्चर के इस्तेमाल से पहले उसे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा लिखित में हरी झंडी मिलना आवश्यक कर दिया गया है। इसके बाद प्रधानमंत्री की उपस्थिति से पहले अस्थाई स्ट्रक्चर की फायर डिपार्टमेंट द्वारा जांच की जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक अस्थाई स्ट्रक्चर की जांच के लिए प्रोटोकॉल नहीं था।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा (2003 एडिशन) के लिए ब्लू बुक के अध्याय सात के भाग एक में सब-पैरा 93 (xiv) डाला गया है। जिसमें संशोधन कहता है, ‘प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की जानकारी मिलने के बाद जिला मजिस्ट्रेट या अन्य किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा उस क्षेत्र का निरीक्षण करना होगा जहां प्रधानमंत्री कार्यक्रम में आने वाले हैं। इसके लिए सीपीडब्ल्यूडी, पीडब्ल्यूडी या अन्य इजीनियरिंग विभाग द्वारा अस्थाई स्ट्रक्चर का निरीक्षण करना होगा। जैसे तंबू, मच, ओवरहैंगिंग व्यवस्था स्ट्रक्चर, अन्य इलेक्ट्रोनिक उपकरण आदि की गहन जांच करनी होगी।’ वहीं दिल्ली में व्यवस्था की निगरानी दिल्ली पुलिस के डीसीपी (पीएम सुरक्षा) करेंगे। गृह मंत्रालय द्वारा सभी मुख्य सचिवों और हर राज्य के पुलिस डीजीपी को निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि डीसीपी (पीएम सुरक्षा) ये सुनिश्चित करेंगे कि सीपीडब्ल्यूडी, पीडब्ल्यूडी द्वारा दिल्ली में समय से प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी जाए। यहां भी कार्यक्रम से पहले फायर डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया पत्र भी अनिवार्य होगा।

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