पिछले एक पखवाड़े से राष्ट्रीय मीडिया में बीजेपी के राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन जब तक बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा नहीं कर दी किसी को भनक तक नहीं लगी कि सत्ताधारी पार्टी किसी देश का अगला राष्ट्रपति बनवाने का इरादा रखती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं को भी कोविंद की उम्मीदवारी के बारे में खबर नहीं थी। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार (19 जून) को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में अमित शाह ने कोविंद के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे दूसरे नेताओ ने मंजूर कर लिया।
सूत्रों ने ईटी को बताया कि अमित शाह ने बैठक में कहा कि बहुत से प्रतिष्ठित और सम्मानित लोगों के नाम बीजेपी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में बताए जा रहे हैं। अमित शाह ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, टीसी गहलोत, वेंकैया नायडू, द्रौपदी मुर्मू, मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी का नाम लेकर जिक्र किया कि इन सभी के उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। शाह ने बैठक में कहा कि शिव सेना मांग कर रही है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाए लेकिन ये सब जानते हैं कि संघ नेता चुनाव नहीं लड़ते। शाह ने शिव सेना की दूसरी पसंद कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथ का भी उल्लेख किया।
रिपोर्ट के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी ने बैठक में यह कहकर एक झटके में राजनाथ, सुषमा, वेंकैया और गहलोत इत्यादि का नाम खारिज कर दिया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं इसलिए वो उनमें से किसी को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर खोना नहीं चाहते। संसदीय बोर्ड की बैठक में जब शाह ने रामनाथ कोविंद के नाम की उम्मीदवार के तौर पर घोषणा की तो सभी ने उसका समर्थन किया।
पीएम मोदी और शाह ने यह भी तय किया कि विपक्षी दलों को कोविंद के बीजेपी उम्मीदवार चुने जाने की खबर मीडिया से नहीं मिलनी चाहिए। इसीलिए खुद पीएम मोदी और अन्य बीजेपी नेताओं ने फोन करके सभी विपक्षी दलों को पार्टी के इस फैसले की सूचना दी। पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम ई पलानीस्वामी, अकाली दल प्रमुख प्रकाश सिंह बादल इत्यादि को फोन करके इस फैसले से अवगत कराया।
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी को वेंकैया नायडू ने रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में सूचित किया था। नायडू ने यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव, यूपी के पूर्व सीएम मायावती और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम शरद पवार को भी फोन किया और इस फैसले के बारे में बताया। राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होगा। नतीजा 20 जुलाई को आएगा।