इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में शरण मांगने वाली एक भारतीय महिला ने आज इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से कहा कि उसे पाकिस्तानी व्यक्ति से शादी करने को मजबूर किया गया था और उसने अदालत से अनुरोध किया कि वह उसे भारत लौटने की अनुमति दे। 20 वर्षीय उज्मा ने अदालत से कहा कि उसके सिर पर बंदूक तानकर उसे निकाह के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को मजबूर किया गया।
भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव पीयूष सिंह अदालत में मौजूद थे। उज्मा ने अदालत में अपना पूर्व का बयान दोहराया कि उसे उसके पाकिस्तानी शौहर ताहिर अली ने बंदूक का भय दिखाकर शादी के लिए मजबूर किया। ‘द डॉन’ ने लिखित जवाब की प्रति को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘जान से मारने की धमकी दी गई, प्रताड़ित किया गया और बुरी तरह अपमानित किया गया।’’
रिपोर्ट के अनुसार दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से पहले उज्मा को बेरहमी से दबाया गया, नींद की गोली के जरिए बेहोश किया गया और वाघा सीमा पर उसका यौन उत्पीड़न किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब उसे होश आया तो उसने खुद को खैबर पख्तूनखवा के बुनेर में पाया। उसने कहा कि उसे शारीरिक और मानसिक रूप से काफी प्रताड़ना दी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके वकील शाहनवा नून ने अदालत को लिखित जवाब सौंपा जिसमें घटना के बारे में उज्मा का विस्तृत पक्ष रखा गया है।