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महाराष्ट्र सरकार: दीनदयाल उपाध्याय की किताबें खरीदने में खर्च करेगी 4.5 करोड़ रुपये

महाराष्ट्र सरकार जन संघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा किए गए कामों की जानकारी देने वाली 10,000 किताब खरीदेगी। किताब खरीदने के लिए राज्य सरकार 4.5 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की इन किताबों को राज्य की 400 से ज्यादा लाइब्रेरियों में बांटा जाएगा। यह दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष के उत्सव के रूप में किया जा रहा है। केंद्र सरकार इस साल पं. दीनदयाल के जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मना रही है। सरकारी प्रपोजल के मुताबिक किताबों में समझाया गया पं दीनदयाल के जीवन का काम ग्रामीण इलाकों के गरीब युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रमुख स्रोत हो सकता है। कुल 10,000 किताबें खरीदी जाएंगी। पब्लिशर इन किताबों पर 30 फीसदी का डिस्काउंट दे रहा है। डिस्काउंट के बाद एक किताब की कीमत 4,500 रुपये होगी। इन किताबों को पूरे महाराष्ट्र की 400 से ज्यादा पब्लिक और सहायता प्राप्त लाइब्रेरियों को दिया जाएगा।

कांग्रेस ने इस खर्च पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि यह खर्च सरकारी खजाने पर नहीं पड़ना चाहिए बल्कि इसे बीजेपी को ही उठाना चाहिए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को राज्य को बताना चाहिए कि वह कौन हैं जिन पर सरकार इतनी बड़ी रकम खर्च कर रही है। सावंत ने कहा कि बीजेपी पं. दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है तो यह खर्च भी पार्टी को ही उठाना चाहिए। साथ ही सावंत ने स्वतंत्रता आंदोलन में दीनदयाल उपाध्याय के योगदान और अल्पसंख्यक समुदायों के बारे में उनके विचारों पर भी सवाल उठाए।

बीजेपी पंडित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी वर्ष विस्तारक योजना के तहत जन संपर्क अभियान चला रही है। बीजेपी कार्यकर्ता गांवों में जाकर ग्रामीणों को केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही शताब्दी वर्ष विस्तारक योजना के तहत प्रत्येक बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को पं. दीनदयाल के जीवनी व विचारों की जानकारी दी जा रही है।

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