भारत ने कहा कि ‘पंचगव्य’ के फायदों को स्थापित करने के लिए वह पुष्टि योग्य वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहा है। पंचगव्य गाय के पांच उत्पादों- गाय के गोबर, गोमूत्र, गाय के दूध, दही और घी को एक साथ मिलाकर बनाया जाता है। अधिकतर परंपरागत भारतीय अनुष्ठानों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। मंत्रिस्तरीय स्वच्छ ऊर्जा सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि गाय के दूध और गोमूत्र के फायदों से जुड़े ‘विवादों पर विराम लगाने’ के प्रयास के तहत उनका मंत्रालय इस विषय पर अनुसंधान कर रहा है।
मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने वैज्ञानिकों से पुष्टि योग्य लाभ का पता लगाने को कहा है। हर्षवर्धन के पास पर्यावरण मंत्रालय भी है और पेरिस जलवायु समझौते के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत इस करार को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगा। गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह इस ऐतिहासिक करार से अपने देश को अलग कर लिया था।
हर्षवर्धन ने यह बात चीन में कही। वह वहां पर स्वच्छ ऊर्जा पर हुए कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए गए हुए थे। हर्षवर्धन ने कहा कि आयुर्वेद के जरिए लोग 100 साल तक जी सकते हैं लेकिन फिलहाल वह इसको पूरी दुनिया के सामने साबित करने पर काम कर रहे हैं। हर्षवर्धन ने कहा कि जम्मू में यूनिवर्सिटी आयुर्वेद के लिए भी यह काम कर रही है।