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44 कांग्रेस विधायक बेंगलुरु के रिसॉर्ट में जमे

गुजरात के 44 कांग्रेस विधायक शनिवार सुबह अहमदाबाद से आने के बाद यहां के पास के एक निजी रिसॉर्ट में डेरा जमाए हुए हैं। पार्टी की राज्य इकाई के एक पदाधिकारी ने पहचान नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, “गुजरात के हमारे सभी विधायकों ने मुंबई से होते हुए अहमदाबाद से दो समूहों में शहर की उड़ान ली और वे मैसूर रोड पर बिदादी में इग्लेटन गोल्फ रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं।” यह रिसॉर्ट बेंगुलुरु ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में स्थित है, जिसका प्रतिनिधित्व कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डी. के. शिवकुमार के छोटे भाई डी. के. सुरेश करते हैं। पदाधिकारी ने कहा, “पार्टी हाईकमान ने हमें शुक्रवार रात राज्य में इन लोगों के रुकने के दौरान उनकी देखभाल करने के निर्देश दिए।”

विधायकों को दूसरी जगह इसलिए भेज दिया गया ताकि गुजरात में आठ अगस्त को राज्यसभा के लिए होने वाले चुनाव के मद्देनजर पार्टी की प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन्हें अपने जाल में नहीं फंसा सके। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल पांचवें कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, दिल्‍ली में कांग्रेस ने चुनाव आयोग से बीजेपी की शिकायत करने का मन बनाया है। पार्टी के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और अभिषेक मनु सिंघवी इसी मुद्दे पर चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलने पहुंचे हैं।

कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने बताया कि उसके पास यह जानकारी उपलब्ध नहीं है कि वे कितने दिनों तक रुकेंगे, उसे बस उन लोगों की देखभाल करने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि गुरुवार को गुजरात में कांग्रेस छह विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। इसके बाद पार्टी ने 44 विधायकों को दूसरी जगह भेजने का फैसला किया। गुजरात विधानसभा में 182 सीटें हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने शुक्रवार रात रवाना होने से पहले अहमदाबाद हवाईअड्डे पर संवाददाताओं को बताया, “उन्होंने (भाजपा नेताओं ने) जो गोवा, मणिपुर और बिहार में किया, वही वे गुजरात में भी करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे विधायकों को धमकाया जा रहा है या उन्हें पैसे का लालच दिया जा रहा है। एक आईपीएस अधिकारी के जैसे लोग, जो फर्जी मुठभेड़ मामले में 8-9 सालों से सलाखों के पीछे था, उसका इस्तेमाल हमारे विधायकों को अगवा करने, पैसे का लालच देने और उन्हें धमकाने के लिए किया जा रहा है। असुरक्षा और आतंक का माहौल है, इसलिए हमारे विधायकों को सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा है।”

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने 26 जुलाई को राज्यसभा चुनाव के लिए अहमदाबाद में अपना नामांकन दाखिल किया था। उन्हें फिर से निर्वाचित होने के लिए पहले दौर में 47 मतों की जरूरत है।

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