दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वर्चुअल करंसी के नाम पर लोगों से मोटी रकम इंवेस्ट कराकर उन्हें ठगने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. ये गैंग ‘कैशकॉइन’ नाम से एक वेबसाइट बना रखा था और बाकायदा मल्टीलेवल मार्केटिंग के जरिए ये लोगों के साथ मीटिंग करते थे. इस गैंग ने करीब 50 करोड़ रुपये की ठगी की है.
पुलिस ने करोड़ों की ठगी के आरोप में हरियाणा के सोनीपत के एक युवक को गिरफ्तार किया है, जो बरौना गांव का रहने वाला है. उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120बी और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. फिलहाल इस रैकेट का एक सिरा हाथ आया है, अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कैशकॉइन के नाम पर अरुण चौहान नामक शख्स से 25 लाख रुपये ठग लिए गए. उनकी शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने इस केस की जांच शुरू कर दी. तफ्तीश के बाद डीसीपी भीष्म सिंह की टीम ने सोनीपत के तहसील खरखौदा निवासी नरेंद्र उर्फ सोनू दहिया (33) को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस पूछताछ में नरेंद्र ने पूरे रैकेट का खुलासा कर दिया. इन लोगों ने पहले बिटकॉइन जैसी एक वर्चुअल करंसी ‘कैशकॉइन’ को डिजाइन किया. उसके नाम से इंटरनेट पर वेबसाइट बनाई.
ये लोग कैशकॉइन खरीदने पर इनवेस्ट की गई कुल रकम पर पांच साल तक हर महीने 10 प्रतिशत का ब्याज देने का लालच देते. इस प्रलोभन में बहुत सारे लोग कैशकॉइन खरीदने के लिए आरोपियों के अकाउंट्स में लाखों रुपये जमा कराते गए. पुलिस सूत्रों का कहना है कि नरेंद्र उस रैकेट की एक अहम कड़ी है.
पुलिस नरेंद्र से अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ कर रही है. इससे पहले मुंबई में भी आईपीओ और आईसीओ के नाम से वर्जुअल करंसी रैकेट का मामला पकड़ा जा चुका है. सबसे पहले बिटकॉइन नामक वर्चुअल करंसी का शोर मचा था, जो कि कुछ देशों में मान्यता प्राप्त है, कुछ जगहों पर उस पर बैन भी लग गया है.