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उद्धव ठाकरे से मिलने उनके घर जाएंगे अमित शाह!

Amit Shah will go home to meet Uddhav Thackeray!

आम चुनाव में एक साल से भी कम वक्त बचा है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने नाराज सहयोगियों को मनाने में जुट रही है. इसकी शुरुआत शिवसेना से हुई है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री जाकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे. शाह गुरुवार (6 जून) को शाम करीब छह बजे मातोश्री जाएंगे.

यह मुलाकात ‘बीजेपी संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान के तहत होगी. इस अभियान के तहत अमित शाह देश की प्रसिद्ध हस्तियों से मिल रहे हैं और उन्हें मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियां बता रहे हैं. हालांकि इस मुलाकात को इस नजरिए के बजाय उद्धव ठाकरे की नाराजगी दूर करने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है. अमित शाह और उद्धव ठाकरे आखिरी बार पिछले साल जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान मिले थे. अब करीब एक साल के अंतराल के बाद दोनों दलों के प्रमुख आपस में मिलेंगे.

अमित शाह ने इस मुलाकात के दिए थे संकेत
हाल ही में पालघर लोकसभा सीट और भंडारा-गोंदिया विधानसभा सीट हुए उपचुनाव में शिवसेना और बीजेपी ने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ी थी. दोनों दलों ने जीते के लिए सारी कोशिशें की थीं. हालांकि बाजी बीजेपी के हाथ लगी है. इस उपचुनाव के परिणाम आने से ठीक पहले अमित शाह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि वे चाहते हैं कि शिवसेना 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके साथ मिलकर लड़े. उन्होंने कहा था कि उपचुनाव के रिजल्ट आने के बाद वह उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे.

इसके अलावा महाराष्ट्र के आने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वे 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना को अपने से अलग होने नहीं देना चाहते हैं. इससे दोनों दलों को नुकसान होगा. मालूम हो कि शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ऐलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी. पिछले कुछ समय से शिवसेना की ओर से मोदी सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

पालघर उपचुनाव के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ ने उद्धव ठाकरे को चप्पल से मारने जैसे शब्दों का प्रयोग किया था. वहीं शिवसेना ने एक ऑडिया जारी करते हुए आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बीजेपी कार्यकर्ताओं से शिवसेना के प्रत्याशी को किसी भी तरह से हराने को कहते हैं.

इसी बीच शिवसेना कई बार विपक्षी दलों की तारीफ भी कर चुकी है. आंध्र प्रदेश में एनडीए से चंद्रबाबू नायडू के अलग होने पर शिवसेना ने कहा था कि बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ जिस तरह का रवैया अपनाती है, इसकी वजह से कई आौर दल एनडीए से अलग हो सकते हैं. मालूम हो कि इतने सारे विवादों बाद भी महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में शिवसेना और बीजेपी साझा सरकार चला रही है.

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