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मोदी सरकार के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर हजारों किसानों का हल्ला बोल

Attack against thousands of farmers on Delhi streets against Modi Government.

 

आज देश की राजधानी दिल्ली में वाम दलों के समर्थन में किसान और मजदूर सगंठन मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं। आज सुबह ही किसानों का महंगाई से राहत, न्यूनतम भत्ता, किसानों की कर्जमाफी और फसलों की वाजिब कीमत की मांग को लेकर य मार्च रामलीला मैदान से शुरू होकर संसद की ओर पहुंचा। इस प्रदर्शन में देश भर से किसान एकत्रित हुए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बाढ़ प्रभावित केरल के किसान भी प्रदर्शन कर रहे हैं।

जहां किसानों के मार्च के कारण दिल्ली की कई सड़कों पर जाम जलगा हुआ है तो वहीं कुछ रास्तों पर नही जाने की भी सलाह दी जा रही है। इस प्रदर्शन की अगुवाई ऑल इंडिया किसान महासभा के द्वारा किया जा रहा है। किसान और मजदूरों की इस महारैली से पहले सीटू और अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से अपनी मांगों का चार्टर सामने रखा गया जिसमें बीजेपी शासित केंद्र सरकार पर सांप्रदायिक और किसान-मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाते हुए आम लोगों को मुहिम के साथ जुड़ने की भी अपील की गई है।

इस चार्टर में मांग की गई है कि रोज बढ़ रही कीमतों पर लगाम लगाई जाए, मौजूदा पीढ़ी को उचित रोजगार मिले, खाद्य वितरण प्रणाली की व्यवस्था को ठीक किया जाए और  सभी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी भत्ता 18000 रुपया प्रतिमाह तय किया जाए। इतना ही नही इसमें कहा गया है कि मजदूरों के लिए बने कानून में मजदूर विरोधी बदलाव ना किए जाएं, किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू हों, गरीब खेती मजदूर और किसानों का कर्ज माफ हो।

दरअसल सरकार से सभी किसान यह मांग कर रहें हें कि खेती में लगे मजदूरों के लिए एक बेहतर कानून बनने का साथ-साथ हर ग्रामीण इलाके में मनरेगा ठीक तरीके से लागू हो, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और घर की सुविधा मिले। और मजदूरों को ठेकेदारी प्रथा से राहत मिले व जमीन अधिग्रहण के नाम पर किसानों से जबरन उनकी जमीन न छीनी जाए और प्राकृतिक आपदा से पीड़ित गरीबों को उचित राहत मिले। मांगों के इस चार्टर को लेकर आज किसान और मजदूर संसद की ओर मार्च करेंगे जिसमें विरोधी दलों के कई नेताओं के शामिल होने की भी संभावनाएं हैं। वामपंथी दल सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी भी इस मार्च में हिस्सा ले सकते हैं।

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