बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आम बजट 2018 की तारीफ की है और केंद्र सरकार खासकर वित्त मंत्री अरुण जेटली को संतुलित बजट के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने बजट में गरीब परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर जोर दिया है जो सराहनीय है। नीतीश ने कहा कि बजटीय प्रावधान से देशभर के करीब 10 करोड़ गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा। बता दें कि जेटली ने अपने बजट भाषण में हेल्थ वेलनेस केंद्र बनाने पर 1,200 करोड़ का फंड खर्च करने का ऐलान किया है। इससे 10 करोड़ गरीब परिवारों को मेडिकल खर्च मिल सकेगा। हर परिवार को एक साल में 5 लाख का मेडिकल खर्च का प्रावधान इसके तहत किया गया है। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि देश की 40 फीसदी आबादी को सरकारी हेल्थ बीमा मिलेगा। वित्त मंत्री ने 24 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का भी ऐलान किया है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में आयुष्मान भारत योजना के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल योजना’ लॉन्च की है, जिसके तहत पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष की कैशलेश हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा देने का प्रावधान किया गया है। टीबी रोगियों को पोषण के लिए भी 500 रुपये प्रतिमाह देने का ऐलान सरकार ने किया है। सरकार मे गंभीर बीमारियों पर एक लाख तक के खर्च पर भी इनकम टैक्स छूट देने का एलान किया है।
हालांकि, देश के नौकरीपेशा लोगों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निराश किया है। उम्मीद जताई जा रही थी कि चुनावों वाले इस साल में सरकार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर कुछ राहत दे सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, ग्रॉस डिडक्शन स्कीम को दोबारा लाया गया है। इस स्कीम के मुताबिक, नौकरीपेशा लोगों को ट्रांसपोर्ट और मेडिकल खर्च के मद में ग्रॉस सैलरी से 40 हजार रुपये घटाकर उस आमदनी पर टैक्स देना होगा। सरकार ने इनकम टैक्स पर सेस बढ़ाने का भी प्रावधान किया है।