2019 लोकसभा चुनाव से पहले कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों के लिए लिटमस पेपर टेस्ट जैसा है. दोनों सीटों पर पहले बीजेपी का कब्जा था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैराना लोकसभा सीट पर बीजेपी ने स्वर्गीय हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, नूरपुर विधानसभा सीट से स्वर्गीय लोकेंद्र सिंह की पत्नी अवनी सिंह को मैदान में उतारने का फैसला किया है. हालांकि, औपचारिक ऐलान बाकी है. नामांकन की आखिरी तारीख 10 मई है. बीजेपी के दोनों उम्मीदवार 10 मई को नामांकन दाखिल कर सकती हैं. उम्मीद की जा रही है कि नामांकन के दौरान बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे.
विपक्षी दल ने किसको मैदान में उतारा
कैराना और नूरपुर उपचुनाव में बीजेपी को पटखनी देने के लिए विपक्ष ने भी तैयारी पूरी कर ली है. उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका है. कैराना सीट पर राष्ट्रीय लोकदल ने पूर्व सांसद तबस्सुम हसन मैदान में उतारा है. गठबंधन के बाद सोमवार (7 मई) को तबस्सुम हसन समाजवादी पार्टी से राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हुई हैं. वहीं, नूरपुर सीट से सपा ने नईमुल हसन को चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा की है.
आरएलडी को समर्थन देगी कांग्रेस
कैराना लोकसभा और नूरपुर उपचुनाव को लेकर गठबंधन की जोड़तोड़ में कांग्रेस हाशिए पर है. स्थानीय नेता चुनाव लड़ने को उत्साहित नहीं है. इसलिए कांग्रेस ने पहले ही आरएलडी के उम्मीदवार को कैराना में समर्थन देने का ऐलान किया था.
कैराना लोकसभा का सियासी इतिहास
कैराना में बीजेपी के हुकुम सिंह के निधन के बाद ये सीट खाली हुई है. कैराना लोकसभा सीट 1962 में बनी. इस लोकसभा सीट पर पहली बार हुए चुनाव में निर्दलीय यशपाल सिंह ने विजयी पताका लहराया था. कांग्रेस और बीजेपी यहां से सिर्फ दो-दो बार ही चुनाव जीते हैं. 2014 से पहले इस सीट पर बीएसपी का कब्जा था. 1999 से 2004 तक ये सीट राष्ट्रीय लोकदल के खाते में थी.