52 हजार करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ तले दबी एयर इंडिया पर मुसिबतें घटने का नाम नहीं ले रहीं. एक तरफ कंपनी को खरीदार नहीं मिल रहा तो उसका सीनियर स्टाफ अपने ही सहयोगी पायलटों को कथित तौर पर कुल्हाड़ी से मारने की धमकी दे रहा है. यह शिकायत सामने आने के बाद एयरलाइन ने आननफानन में सीनियर पायलट (कैप्टन) के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. कंपनी ने इसे बेहद गंभीर मामला माना है. इसके साथ ही उस कैप्टन पर तमाम तरह की बंदिशें भी लगा दी हैं. उससे किसी पायलट को निर्देश देने का अधिकार छीन लिया गया है. वह सिर्फ प्रशिक्षण देने की ड्यूटी निभा पाएगा. यह निर्देश प्रबंधन की जांच जारी रहने तक प्रभावी रहेगा. कैप्टन ने इस मामले में पहले ही अपनी प्रतिक्रिया दे दी है.
एक नहीं दो-दो बार दी मारने की धमकी
मामला इस साल जनवरी मध्य का है. 26 जनवरी, 2018 को कोलकाता से दीमापुर जा रहे एयर इंडिया के 709 विमान का कैप्टन अपने सहयोगी प्रशिक्षु पायलट पर किसी बात को लेकर आगबबूला हो गया. उसने बात-बात में सहयोगी को क्रैश कुल्हाड़ी से मारने की धमकी दी। उस दिन मामला किसी तरह रफा-दफा हुआ. लेकिन 27 जनवरी, 2018 को कैप्टन ने फिर कथित तौर पर अपने सहयोगी पायलट के साथ दोबारा दुर्व्यवहार किया। हैरान करने वाली बात यह है कि यह धमकी उड़ान के दौरान दी गई. मामला तब प्रकाश में आया जब जूनियर पायलटों ने प्रबंधन से इसकी शिकायत की. इसके बाद उस कैप्टन को ड्यूटी करने से रोक दिया गया. सूत्रों के मुताबिक जांच अब भी जारी है।
महिला कोपायलट को भी नहीं बख्शा
जूनियर पायलट ने प्रबंधन को दी शिकायत में कहा है कि 26 जनवरी को कैप्टन ने उसके सिर में तेजी से मारा. यह घटना तब हुई जब विमान पांच हजार फुट पर उड़ रहा था. जूनियर पायलट ने कहा कि उसी कैप्टन ने उसे कुल्हाड़ी से मारने की धमकी भी दी थी. 27 जनवरी को एक अन्य महिला पायलट ने उस कैप्टन के बारे में फिर शिकायत की. उसने बताया कि उसे भी कुल्हाड़ी से मारने की धमकी दी गई. दोनों पायलटों ने लिखित में शिकायत की है. एयरलाइन ने शिकायत मिलने के बाद कहा कि उग्र व्यवहार के कारण उस कैप्टन को हटाया भी जा सकता है.
एयरइंडिया के घाटे के लिए कौन जिम्मेदार
उधर, एक संसदीय समिति के कुछ सदस्यों ने एयर इंडिया के विनिवेश पर सवाल उठाया है. उसने पूछा है कि एयर इंडिया के घाटे के लिए कौन जिम्मेदार है. सूत्रों की मानें तो पब्लिक एकाउंट्स समिति की बैठक में उन्होंने सरकार के एयरलाइन में विनिवेश प्रस्ताव पर प्रश्नचिह्न लगा दिया. सरकार ने एयरइंडिया में 74 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव किया है. लेकिन कंपनी को अब तक कोई खरीदार नहीं मिला है. अब तक खरीदारों के जो नाम सामने आए हैं वे सरकार की शर्तों को देखकर पीछे हट जा रहे हैं. सरकार ने शर्त रखी है कि जो एयर इंडिया को खरीदेगा उसे सौदे के तीन साल के भीतर एयरलाइन को सूचीबद्ध कराना होगा. इसके साथ कई और पाबंदियां भी सौदे में अड़चन बन रही हैं. सरकार यह भी चाहती है कि एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का विलय कर उसे एक कंपनी बना दिया जाए. फिलहाल इस प्रस्ताव पर अभी कोई प्रगति नहीं हुई है.