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कांग्रेस ने तूतीकोरिन में गोलीबारी को बताया जनसंहार!

Congress told the firing in Tuticorin Genocide!

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में 11 लोगों की मौत पर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा इस घटना की तुलना जलियांवाला बाग में हुए हत्याकांड से की है. गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘राज्य सरकार जानती थी कि आंदोलन के 100 दिन हो गए हैं, यह आगे और भी बढ़ने जा रहा है. उन्हें कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बेहतर इंतजाम करना चाहिए था, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया. उन्होंने हालात से निपटने के लिए फायरिंग का सहारा लिया. यह जनसंहार है, बिल्कुल जलियांवाला बाग की तरह.’

पुलिस की गोलीबारी में अबतक 11 की मौत, केंद्र ने तमिलनाडु से रिपोर्ट मांगी
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस की गोलीबारी में अबतक 11 की मौत हो गयी है. राज्य सरकार ने हिंसा की जांच के लिए मद्रास उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया है. मंगलवार (22 मई) के बाद बुधवार (23 मई) के दिन हिंसा होने के बाद राज्य सरकार ने तूतीकोरिन के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया है. बहरहाल, केंद्रीय गृह मंत्रालय वेदांता समूह के स्टरलाइट तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी के लिए बने हालात पर तमिलनाडु सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है. बड़े पैमाने पर हुई हिंसा का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

पर्यावरण संगठनों, एमनेस्टी ने तूतीकोरिन में प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की निंदा की
पर्यावरण के लिए काम करने वाले संगठनों ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन शहर में स्टरलाइट कॉपर संयंत्र का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस की गोलीबारी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मौजूदा स्थिति से देश में पर्यावरण संबंधी शासन की ‘‘पूर्ण नाकामी’’ का पता चलता है. सेंटर फोर साइंस एंड इन्वायरनमेंट (सीएसई) ने कहा कि कंपनी के व्यापारिक हितों पर लोगों के हितों को तरजीह दी जानी चाहिए.

सीएसई ने साथ ही संयंत्र स्थायी रूप से बंद करने एवं स्थल और उसके आसपास के वातावरण को विषाक्तता मुक्त करने की योजना बनाने की सिफारिश की. ग्रीनपीस ने पुलिस की कार्रवाई को ‘‘अस्वीकार्य’’ बताते हुए कहा कि वह लोगों एवं समुदायों के साथ एकजुटता दिखाता है. वहीं एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस के अत्यधिक बल का इस्तेमाल करना विरोध प्रदर्शन को कुचलने की सरकार के संकल्प को दिखाता है.

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