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COO की वेतन में वृद्धि परंपरा के खिलाफ:एन आर नारायण मूर्ति

देश की प्रमुख आईटी कंपनियों में शुमार इंफोसिस इन दिनों काफी सुर्खियों में है। इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने कंपनी के ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) प्रवीण राव की सैलरी में की गई बेतहाशा बढ़ोतरी पर सवाल खड़े किए हैं। इंफोसिस बोर्ड ने सीओओ प्रवीण राव की सैलरी बढ़ाकर 4.62 करोड़ रुपए सालाना कर दी। इसके अलावा टार्गेट आधारित कमाई को 3.87 करोड़ रुपए रखा। राव प्रदर्शन-आधारित 4 करोड़ के स्टॉक मुआवजे के योग्य भी होंगे। फरवरी में की गई इस बढ़ोतरी को 1 नवंबर 2016 से लागू किया गया।

बोर्ड के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि राव की सैलरी में की गई बढोतरी इंफोसिस की निष्पक्षता की परंपरा के खिलाफ गई है। उन्होंने कहा कि एक ओर मेहनत करने वाले कर्मचारियों को 6-8 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी मिली है, वहीं टॉप लेवल पर 60-70 फीसदी की बढ़ोतरी देना ठीक नहीं है।

नारायण मूर्ति ने कहा कि वो इस बात के पक्षधर हैं कि कंपनी में मुआवजा और इक्विटी को लेकर अंतर कम से कम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राव को दी गई हाइक से यह अंतर और बढ़ गया है। बता दें कि नारायण मूर्ति ने इससे पहले कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का की वेतन बढ़ोतरी और दो पूर्व अधिकारियों को दिए गए विदायी पैकेज पर आपत्ति जाहिर की थी।

हालांकि इंफोसिस सह-संस्थापक एन आर नरायण मूर्ति ने प्रवीण राव की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि मुझे प्रवीण से बेहद लगाव है। मैने प्रवीण को 1985 में भर्ती किया था और जब तक मैं कंपनी में रहा तब तक उनका ध्यान रखा। मेरे निकलने के बाद राव को किनारे कर दिया गया। 2013 में जब मैं वापस आया तो वह एग्जीक्यूटिव काउसिंल का सदस्य तक नहीं था। क्रिस, शीबू और मैंने उसे प्रोत्साहित किया और विशाल को कंपनी का सीईओ व प्रवीण को सीओओ बनाया। इसलिए इस शिकायत को प्रवीन के खिलाफ न समझा जाए।

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