उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मेहनत और कुर्बानियों की बदौलत ही कश्मीर देश के प्रमुख पर्यटक स्थल की अपनी पुरानी प्रतिष्ठा को हासिल कर रहा है. सीआरपीएफ द्वारा सोमवार को आयोजित शहीद दिवस समारोह में नायडू ने कश्मीर सहित देश के अन्य अशांत इलाकों में सीआरपीएफ के शहीदों को याद करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से श्री अमरनाथ यात्रा सम्पन्न कराना सीआरपीएफ की कुशल पेशेवर कार्यशैली का प्रमाण है.
‘लोकतंत्र में ‘मतपत्र’ गोली से ज्यादा ताकतवर होता है’
उपराष्ट्रपति ने देश की एकता और अखण्डता को सुनिश्चित करने में सीआरपीएफ के अमूल्य योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि सुरक्षा बल को देश की आंतरिक सुरक्षा को पुख्ता करने की अपनी चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी को निभाते रहना होगा. नायडू ने कहा कि सीआरपीएफ के शौर्य, साहस और पेशेवर कार्यशैली के गौरवपूर्ण अतीत पर उन्हें गर्व है और सुरक्षा बल अपनी इन खूबियों को हमेशा अपने साथ रखता है.
इस अवसर पर उन्होंने अलगाव और हिंसा के पैरोकारों से शांति का रास्ता अपनाने की अपील करते हुये कहा ‘‘लोकतंत्र में ‘मतपत्र’ गोली से ज्यादा ताकतवर होता है इसलिये अगर आप सत्ता में आना चाहते हैं तो हिंसा छोड़ राजनीति की मुख्यधारा में आयें, चुनाव लड़ें और सत्ता हासिल कर लें.’’
इस अवसर पर सीआरपीएफ के विभिन्न अभियानों में साहस और शौर्य का प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और सिपाहियों को शौर्य पदक से सम्मानित किया गया. इस मौके पर सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर भी मौजूद थे. नायडू ने पदक विजेता अधिकारियों और जवानों को शुभकामनाएं दी.