Dalit teacher seeks apology from BJP leader's feet: Aligarh
यूपी सरकार के मुखिया आदित्यनाथ दलितों के प्रति सहानुभूति की बात करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत तो उनके पदाधिकारियों से लगाई जा सकती है. एक फेसबुक पोस्ट की वजह से उन्हें थाने के भीतर पुलिस के सामने बीजेपी पदाधिकारी के पैर छूकर माफी मांगनी पड़ी. अलीगढ़ के इगलास कोतवाली कस्बे में स्थित श्री शिवदान सिंह इंटर कॉलेज के एक दलित शिक्षक सत्यभान सिंह को एक अखबार की कटिंग फेसबुक पर पोस्ट करना इतना भारी पड़ जाएगा, यह उन्होंने सोचा भी नहीं होगा. दलित शिक्षक ने एक अखबर की कटिंग फेसबुक पर शेयर की थी. पेपर कटिंग में जाति विशेष के खिलाफ कुछ लिखा गया था. इसको लेकर एक बीजेपी कार्यकर्ता ने भावनाओं को आहत करने की शिकायत दर्ज करा दी. शिकायत दर्ज होने के बाद पीड़ित शिक्षक ने पोस्ट डिलीट कर दिया और माफीनामा शेयर किया. जिस शख्स को लेकर यह पोस्ट की गई थी, उसने पीड़ित शिक्षक को माफ कर दिया, लेकिन इगलास के बीजेपी मंडल अध्यक्ष कालीचरण गौड़ को इससे संतुष्टि नहीं मिली.
एसपी ने दिए जांच के आदेश
योगी राज में एक दलित शिक्षक को दलित होने की सजा दी गई. एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार दलितों के प्रति सहानुभूति की बात करती है, दूसरी तरफ बीजेपी नेता दलितों पर अत्याचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं. मीडिया में यह खबर आने के बाद अलीगढ़ देहात के एसपी डॉक्टर यशवीर सिंह ने कहा कि इगलास थाने के CO को इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. इस मामले में जो कोई आरोपी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बीजेपी अध्यक्ष के पैर छूने के बाद मिली माफी
बीजेपी मंडल अध्यक्ष थाने पहुंचा और दलित शिक्षक को बुलाया गया. पीड़ित शिक्षक ने सबके सामने माफी मांगी, लेकिन बीजेपी पदाधिकारी ने माफीनामा कबूल नहीं किया. शिक्षक पर दबाव बनाया गया और उसे पैर पकड़कर माफी मांगने पर मजबूर किया गया. आखिरकार, पीड़ित शिक्षक ने थाने के भीतर दरोगा के सामने हाथ जोड़कर बीजेपी मंडल अध्यक्ष के पासे छुए, तब जाकर उसे वहां से जाने दिया गया.