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कोडवर्ड्स के जरिए चल रहा था फर्जीवाड़ा, नीरव था ‘दोस्त’ और मेहुल था ‘अंकल’: PNB घोटाला

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में करीब 11 हजार 400 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी मामले में हर रोज नए राज खुल रहे हैं. गिरफ्तार हुए बैंक मैनेजर सीबीआई के सामने ऐसी-ऐसी बातें बता रहे हैं जो पूरी बैंकिंग व्यवस्था में लापरवाही और नीरव मोदी जैसे कारोबारियों की पहुंच का खुलासा कर रहा है. जांच एजेंसियों की पूछताछ में बैंक कर्मचारियों ने कबूल किया है कि वे ड्यूटी के दौरान नीरव मोदी और उसके साथियों का नाम नहीं लेते थे. इसके लिए वे कोडवर्ड का प्रयोग करते थे.

पूछताछ में बैंक कर्मचारियों ने बताया कि नीरव मोदी के लिए वे ‘दोस्त’ जबकि मेहुल चौकसी के लिए ‘अंकल’ जैसे शब्द का प्रयोग करते थे. वे ऐसा इसलिए करते थे ताकि बैंक के दूसरे कर्मचारी समझ नहीं पाएं की वे आपस में किसके बारे में बातें कर रहे हैं. इसी तरह ये बैंक कर्मचारी एलओयू की कीमत के लिए ‘अमाउंट ऑफ प्रॉपर्टी’, रिश्वत के लिए ‘प्रॉपर्टी ऑन कमीशन’, ओवरसीज इम्पोर्टर लोकेशन के लोकेशन के लिए ‘प्रॉपर्टी लोकेशन’ और एजेंट के लिए ‘बैंक क्लर्क’ जैसे कोडवर्ड्स का प्रयोग आपसी बातचीत में करते थे. इसके पीछे एक मकसद यह भी था कि अगर इनके फोन की टैपिंग भी कराई जाती है तो कोई समझ न पाए कि ये आपस में किस बारे में बातचीत करते हैं.

नीरव मोदी की टीम के पास थे PNB के पासवर्ड
नीरव मोदी के लोगों को पीएनबी के कंप्यूटर सिस्टम पासवर्ड मालूम था, जिससे वे बिना किसी रुकावट के वे इसे यूज करते थे. जांच में पता चला है कि लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के लिए जरूरी सभी लॉग इन-पासवर्ड उनके पास थे. पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्‌टी, सीडब्ल्यूओ मनोज खरात और नीरव के आधिकारिक हस्ताक्षर करने वाले हेमंत भट्ट ने पूछताछ में सीबीआई के सामने ये खुलासा किया है.

विपुल अंबानी और पांच अन्य पांच मार्च तक सीबीआई हिरासत में
मुंबई की एक विशेष अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपये के कथित फर्जीवाड़े के सिलसिले में नीरव मोदी की फायर स्टार डायमंड कंपनी के अध्यक्ष (वित्त) विपुल अंबानी और पांच अन्य को पांच मार्च तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया. मोदी और उसके रिश्तेदार एवं गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी की संलिप्तता वाले मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकियों के आधार पर इन सभी छह लोगों को 20 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. विशेष अदालत के न्यायाधीश एसआर तंबोली ने विपुल अंबानी सहित छह लोगों को पांच मार्च तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया.

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