Fabric made from Hemp fiber, Tata and Google India invested 7 Cr Rupees.
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हम सभी भांग के पौधे के बारे में जानते हैं जो कि भारत में नशे का सबसे प्रचलित, पारंपरिक और पुराना स्रोत है। देश के ज्यादातर हिस्सों में भांग की खेती प्रतिबंधित है।लेकिन अब इस पौधे की खेती भी की जाएगी और उसका इस्तेमाल भी हम सब करेंगे. चौंकिए नहीं हम आपको नशा करने के लिए नहीं बल्कि इससे बनने वाले फाइबर के कपड़ों के लिए बता रहे हैं. मुंबई के 7 दोस्तों द्वारा शुरू की गई एक मेडिकल रिसर्च कंपनी ‘बॉम्बे हेम्प कंपनी’ यानी (BOHECO) ने भांग के मेडिकल और इंडस्ट्रियल प्रयोग की शुरुआत की है।
BOHECO भारत में भांग से जुड़ी इंडस्ट्री के लिए पूरा इकोसिस्टम डेवलप करना चाहती है। इन ७ मित्रों के इस अद्भुत आइडिया पर टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा और गूगल इंडिया के MD राजन आनंदन ने BOHECO में करीब 6.8 करोड़ रुपए भी लगाए हैं। इसके बाद से यह स्टार्टअप सुखिर्यों में है। साल 2013 में शुरू हुई BOHECO भांग की सीड ब्रीडिंग, नैनोटेक्नोलॉजी, मैटेरियल साइंस, हेल्थ एंड न्यूट्रीशन, टेक्सटाइल, पोस्ट हार्वेट टेक्नीक के साथ ही भांग आधारित बिल्डिंग मैटेरियल बनाने को लेकर रिसर्च कर रही है।
BOHECO के को-फाउंडर चिराग टेकचंदानी ने बताया कि, जब उन लोगों ने रिसर्च की तो पाया कि हजारों सालों से भाग बेहद काम की चीज रही है। इसके इतिहास से पता चलता है कि भांग की फसल अपने फाइबर के लिए बेहद उपयोगी रही है। तनाव सहन करने की खास खूबी और कम मेंटीनेंस के चलते इसमें कपड़ा इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाएं हैं। भारत टेक्सटाइल आधारित देश है। इसके चलते हमें भांग से जुड़े फाइबर और कोटेज से जुड़ी इंडस्ट्री को बड़े पैमाने पर शुरू करना चाहिए।
चिराग कहते हैं कि उनके र्स्टाटप का मकदस सिर्फ भांग को कपड़ा उद्योग के लिए ही नहीं तैयार करना है। यह एक ऐसा पौधा है, बड़े पैमाने पर जिसकी खेती एक साथ हमारी कई समस्याओ का निदान कर सकती है। वास्तव में भांग एक पूर्ण फसल है। इसका यूज टेक्सटाइल, कंस्ट्रक्शन, एनर्जी, मेडिसिन और फूड इंस्ट्री के लिए एक साथ किया जा सकता है। हालांकि भारत में हमने भांग को नशे का ही पर्याय मान लिया। इसलिए हमने भांग को अपने इकोसिस्ट में शामिल करने से पहले इसपर गहन रिसर्च करने की सोची।