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सरकार ने आंकड़े बताने वाला सर्वे किया बंद! नहीं आएंगे सरकारी आंकड़े सामने…

दिल्ली: फिलहाल देश के सामने रोजगार के सरकारी आंकड़े नहीं आएंगे। मोदी सरकार ने रोजगार के सरकारी आंकड़े बताने वाले सर्व को बंद कर दिया है। रोजगार के आंकड़े का आखिरी सर्वे सितंबर 2016 में जारी हुआ था जिसकी वजह से सरकार की किरकिरी हुई थी। इन्हीं आंकड़ों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा था।

अब श्रम मंत्रालय ने फैसला लिया है कि वह इस सर्वे को नहीं कराएगा। इसका मतलब साफ है कि फिलहाल रोजगार के सरकारी आंकड़े देश के सामने नहीं आएंगे। सोमवार को श्रम मंत्रालय की तरफ से लोकसभा में लिखित जवाब दिया गया है। इस जवाब में बताया गया है कि 2010 में जिस परंपरा की शुरुआत हुई है उसे 2016 में बंद कर दिया गया है।

गरीबी-रोजगार की स्थिति के बारे में सबसे प्रमाणिक सरकारी आंकड़ा मिलता है नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) से। इसी से अर्थव्यवस्था की स्थिति का जमीनी हिसाब मिलता है, और उसी के आधार पर आगे की सरकारी योजनाओं को बनाने की परंपरा रही है। यह सर्वे यह हर पांच साल में सरकार कराती है, जरूरत पड़ने पर कई बार बीच में भी हुआ है।

वर्ष 2016-2017 में एनएसएस का सर्वे होना था, जो नहीं कराया गया। चूंकि पिछला सर्वे 2011-12 में हुआ था, इसलिए 2016-17 में होना चाहिए था। वजह साफ है, अर्थव्यवस्था का हालत खराब है और वर्ष 2014 के बाद से गरीबी-बेरोजगारी में भीषण इजाफा हो रहा है, लिहाजा इस सर्वे की प्रक्रिया को ही सरकार ने शुरू नहीं किया।

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