Government of Karnataka will be formed by manipulative politics
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में भले ही बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल की हों लेकिन कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन करने का ऐलान कर बीजेपी को फिलहाल बड़ा झटका दे दिया है। भाजपा को अब तक 105 सीटें हासिल हो चुकी हैंं, 77 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है, 37 सीटों पर जेडीएस ने जीत दर्ज कर ली है। बाकी 3 सीटों पर अन्य है। बहुमत से तीनों ही पार्टियां दूर हैं. ऐसे में यह अभी भी सबसे बड़ा सवाल है कि कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
साथ ही ये भी जानिए कांग्रेस कि EVM टेम्पर का रोना- बीजेपी ने उप -चुनाव हारा या हार गए?
भाजपा बहुमत से 7 सीट पीछे है जबकि कांग्रेस काफी दूर है. यहां जैसा की अंदेशा था कि हंग असेंबली बनेगी. लेकिन यहां सबसे ज्यादा अच्छी स्थिति में जेडीएस है। उसके दोनों हाथ भरे हैं. वह कांग्रेस के साथ जाए या भाजपा के। जेडीएस कांग्रेस को समर्थन देकर उसके साथ सरकार बनासकता है। दिलचस्प ये है कि भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव लाकर जेडीएस के १० विधायकों को मिलाकर सरकार बनाने की कोशिश कर रहा है। सबसे मजेदार ये है की जेडीएस की चित भी उसका है और पट भी क्यूंकि वो जिसको भी समर्थन दे दे या समर्थन ले ले दोनों ही सूरतों में सरकार अब जेडीएस ही बना पायेगी।
हालाँकि जेडी (एस) के एचडी कुमारस्वामी ने आज शाम कर्नाटक के राज्यपाल से मिलने की लिए समय माँगा है और नियुक्ति की मांग की, एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि हमने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के समर्थन को स्वीकार कर लिया है।
अब देखना ये है कि लंगड़े घोड़े पर बैठ कर कौन सवारी करता है और कब तक ? जोड़ तोड़ की राजनीती से बनी अस्थिर सरकार अब दबाव में काम करेगी या स्वतंत्र होकर?