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GST लागू होने के बाद बैंकिंग सर्विसिस पर चुकानी होगी ज्यादा कीमत

जुलाई 2017 में वित्तीय लेनदेन पर लगने वाली फीस की दरों में इजाफा हो सकता है। बैंकिंग सेवाओं पर 18 पर्सेंट जीएसटी लागू किए जाने के फैसले के बाद इस फीस में बढ़ोतरी होने के पूरे आसार हैं। ऐसे में बैंकों की ट्रांजैक्शन फीस में इजाफा हो सकता है। बैंकिंग सेवाओं पर अभी तक 15 पर्सेंट का सर्विस चार्ज लगता था। वहीं एक्सपर्ट्स की राय है कि टैक्स की दर में 3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो सकती है जिसके बाद 18 फीसद के टैक्स ब्रैकिट में शामिल हो जाएगा। इस हिसाब से देखें तो बैंकिंग ट्रांजैक्शन में हर100 रुपये के ट्रांसैक्शन पर लगभग 3 रुपये का इजाफा हो जाएगा। जीएसटी लागू किए जाने के बाद यह बदलाव 1 जुलाई से हो सकते हैं जिसके बाद आपको बैंकों में ज्यादा चार्ज देने पड़ सकता हैं।

जीएसटी के पास होने के बाद सरकार ने टैक्स स्लैब में 1211 आइटम्स पर नई टैक्स की दरें तय की हैं। इनमें 5 फीसद से लेकर 28 फीसद तक के 4 स्तरीय टैक्स स्लैब तय किए गए हैं। हालांकि दूध, अंडा, फल, चिकन, न्यायिक सब्जी, फ्रेश मीट, स्टांप, फिश, दस्तावेज, प्रिंटेड बुक्स और न्यूजपेपर्स आदि शीजों को इनसे छूट मिली हैं। वहीं ज्यादातर वस्तुओं-सर्विसिस को 18 फीसद के स्लैब में रखा गया है। वहीं बीते 19 मई को एलान किया गया था कि हेल्थकेयर व शिक्षा को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा।

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार (19 मई) को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया था कि दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं पर 18 फीसद की दर से जीएसटी लगेगा जबकि सिनेमा हॉल, जुआ घरों और घुड़ दौड़ पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जायेगा। वहीं राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने हवाई यात्रा का जिक्र करते हुए बताया था कि एकोनामी क्लास में हवाई यात्रा पर 5 प्रतिशत और बिजनेस क्लास पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं ओला और उबर जैसी ऐप के जरिये कैब सेवायें उपलब्ध कराने वाली कंपनियों पर पांच प्रतिशत दर से जीएसटी लगेगा। इसके अलावा फाइनैंशल सर्विसेज के साथ शराब परोसने वाले एसी होटलों, टेलिकॉम और आईटी सर्विसेज, ब्रैंडेड गारमेंट्स, मिनरल वॉटर, नोटबुक्स जैसे आइटम्स को भी 18 पर्सेंट के स्लैब में रखा गया है।

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