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IAF चीफ: पाक का JF-17 आज का फाइटर जेट! लेकिन तेजस से कोई मुकाबला नहीं…

वायुसेना प्रमुख बीएस धनोवा का कहना है कि यदि पाकिस्तान का ‘जेएफ-17’ वर्तमान का लड़ाकू विमान है, तो स्वदेश में विकसित ‘तेजस’ भविष्य का लड़ाकू विमान है. जेएफ-17 हल्का लड़ाकू विमान है. यह एक इंजन वाला है. इसे पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त रूप से विकसित किया है. धनोवा ने दोनों लड़ाकू विमानों में कौन बेहतर है, यह पूछे जाने पर कहा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम उसे किस तरह से लैस करते हैं. ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि हमने बेहतर विमान बनाया है.’’

उन्होंने कहा कि एक एविएशन जर्नल में एक बहुत अच्छा आलेख है. उसमें कहा गया है कि जेएफ-17 तेजस की तरह तकनीकी रूप से आधुनिक नहीं है. इसलिए, जेएफ-17 आज का लड़ाकू विमान है क्योंकि उन्होंने हमारी तुलना में कहीं अधिक स्क्वैड्रन लगा रखा है, लेकिन तेजस भविष्य का लड़ाकू विमान है. इसमें कहीं अधिक बेहतर प्रणालियां हैं. हल्के लड़ाकू विमान तेजस को हिन्दुस्तान एरोनॉटिकल्स लिमिटेड (एचएएल) ने विकसित किया है. इसे जुलाई, 2016 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. इसे अप्रैल में हुए ‘गगनशक्ति 2018’ अभ्यास में भी शामिल किया गया था.

भारत की सीमा पर तिब्बत में हवाई ताकत बढ़ा रहा है चीन: IAF चीफ
वहीं दूसरी ओर भारतीय वायुसेना के प्रमुख बी एस धनोआ ने कहा कि चीन भारत सीमा पर तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में अपनी हवाई ताकत को बढ़ा रहा है. एयर चीफ मार्शल ने एक थिंक टैंक में एक संबोधन में कहा ‘कि सभी आकस्मिक स्थितियों में अभियानों के पूर्ण संचालन के लिए लड़ाकू विमानों के 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है. मौजूदा समय में आईएएफ के पास लडाकू विमानों के केवल 31 स्क्वाड्रन हैं.’ उन्होंने हालांकि कहा कि जब भी जरूरत होगी तो आईएएफ में ‘‘तेजी’’ से युद्ध लड़ने की क्षमता है.

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों द्वारा लगातार किये जा रहे हमलों से संकेत मिलता है कि कुछ क्षेत्रों में भारतीय प्रतिरोध काम नहीं कर रहा है और उन्होंने जोर दिया कि इस क्षेत्र में क्षमताओं को बढाने की जरूरत है ताकि इस्लामाबाद के रुख व्यवहारगत परिवर्तन सुनिश्चित किया जा सके.

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