एयरलाइन कंपनियों के वैश्विक संगठन आईएटीए ने अंतरराष्ट्रीय हवाई टिकटों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने का विरोध किया है और इस कर को गलत बताया है. संगठन का कहना है कि यह कई वैश्विक समझौतों के खिलाफ है जिसमें भारत भी पक्षकार है. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) दुनिया के विभिन्न हिस्सों में 280 एयरलाइंस का प्रतिनिधित्व करता है. इसके सदस्यों में एयर इंडिया, जेट एयरवेज और विस्तारा शामिल हैं. आईएटीए के महानिदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी एलेक्जेंडर डी जुनिआक ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय टिकट पर जीएसटी लगाना गलत है. यह अंतरराष्ट्रीय समझौतों के विपरीत है जिसमें भारत भी पक्षकार है.’
भारत में जीएसटी लागू किए जाने के बारे में उनकी राय पूछे जाने पर उन्होंने यह बात कही. जुनिआक ने कहा, ‘यही कारण है कि हम सरकार से अंतरराष्ट्रीय उड़ान टिकटों पर शून्य कर लगाने की मांग कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में कर की बात की जाए तो जीएसटी एकमात्र मुद्दा नहीं है. जुनिआक ने कहा, ‘हम यात्री शुल्कों पर कर के समाधान को लेकर सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं.’ सरकार से मिली प्रतिक्रया के बारे में पूछे जाने पर आईएटीए प्रमुख ने कहा, ‘इस मामले में चीजें आगे बढ़ रही हैं. मैं बेहतर परिणाम की उम्मीद कर रहा हूं.’