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14 मार्च को इसलिए मनाया जाता है पाई डे, जानिए इसकी वजह…

आज पाई डे है। इस पर गूगल ने भी एक डूडल बनाया है। गूगल ने खाने वाली पाई को ध्यान में रखकर यह गूगल बनाया है। गूगल ने डूडल में चॉकलेट, आईसक्रीम, बटर और सेब आदि का इस्तेमाल किया है। आज के खूबसूरत डूडल को अवार्ड विनिंग पेस्ट्री शेफ ने बनाया है। दुनियाभर में गणितज्ञ हर साल 14 मार्च को Pi Day सेलिब्रेट करते हैं। पाई सबसे महत्वपूर्ण गणितीय एवं भौतिक नियतांकों में से एक है। आज हम आपको पाई से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।

ये हैं पाई से जुड़े कुछ तथ्य: पाई ने पाई डे की तारीख खुद चुनी है। अगर पाई के मान पर नजर डालें तो पाएंगे कि वह 3.14 है यानि साल के तीसरे महीने की 14 तारीख। 2009 में यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने 14 मार्च को राष्ट्रीय पाई दिवस के रूप में स्वीकार किया।

– गणित के रोचक तत्वों की सीरीज में ‘पाईमिनट’ को भी शामिल किया गया है जब 14 मार्च को 1:59:26 AM/PM पर पाई के सात दशमलवीय मान प्राप्त हो जाते हैं यानि 3.1415926।

– पाई का सटीक मान कोई नहीं निकाल पाया है। इसका बस अनुमान ही बताया जा सकता है। जो 3.1428 है। इस कारण यह तकनीकी तौर पर सही नहीं है लेकिन कई बड़ी संख्याओं की गणना करने में सटीकता को बढ़ाता है।

– महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म भी 14 मार्च को होता है और उन्होंने काफी समय तक पाई के जरिए नदी की सटीक लम्बाई निकालने पर काम किया था।

– जापान के एक इंजीनियर ने पाई का पूर्ण मान निकालने की लगातार 90 दिनों तक कड़ी मेहनत की लेकिन पाई की गणना खत्म नहीं हुई। इस दौरान उसने दशमलव के बाद पांच हजार अरब अंकों तक पाई का मान निकाला।

– π (पाई) = 22 / 7 = 3.1415926535897932384626433… यह दशमलव के बाद अनन्त तक खींचा जा सकता है और यह किसी भी नियमित पैटर्न को फॉलो नहीं करती है।

पाई के इस्तेमाल
नदी की लंबाई नापने में: पाई का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किसी नदी की लम्बाई बताने के लिए किया जाता है। पूरी नदी की लम्बाई काफी घुमावदार होने की वजह से सही आंकने में दिक्कत आती है।

पिरामिड का आकार: पाई को पिरामिड के आकार की गणना करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
तारों की दूरी: दो तारों के बीच की घुमावदार दूरी मापने के लिए पाई के जरिए ही हिसाब लगा पाना संभव है।

ब्रह्मांड का आकार बताने में: पाई की ही मदद से हम यह जान पाए कि हमारे ब्रह्मांड का आकार अंडाकार है। यह जानकारी पिंस्टन यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिक्स डिपार्टमेंट के चेयरमैन डेविड स्परजेल ने दी। उन्होंने डब्लूमैप यान के इस्तेमाल से पहले यह पता लगाया कि बिग-बैंग धमाके से उत्पन्न बेबी यूनिवर्स कैसा होगा फिर उसके सतह के क्षेत्रफल को 4 पाई से गुणा कर दिया। इस तरह से उन्हें पता चला कि हमारे ब्रह्मांड का आकार अंडाकार है।

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