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जितेंद्र सिंह: कठुआ गैंगरेप की CBI जांच कराने के लिए तैयार है केंद्र सरकार…

श्रीनगर: कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई सवालों के कठघरे में है. विपक्ष लगातार इस मामले में बीजेपी पर हावी होने की कोशिश कर रहा है. इसी बीच पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बातचीत करते हुए कहा, ‘हमें इस मामले को सीबीआई को देने में कोई समस्या नहीं है अगर राज्य सरकार हमें कहती है तो हम इस मामले को आज ही सीबीआई को सौंप देंगे.’

कांग्रेस ने की जितेंद्र सिंह को बर्खास्त करने की मांग
वहीं, इस मामले में कांग्रेस ने विरोध जताते हुए जितेंद्र सिंह को बर्खास्त करने की मांग की है. जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने क्राइम ब्रांच की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि चार्टशीट दायर करने वाले कठुआ के वकीलों का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए.

पिता ने आरोपियों को फांसी देने की अपील की
मीडिया से बात करने के दौरान मासूम के पिता का दर्द छलक उठा. उन्होंने कहा कि वे अपनी बेटी को हर दिन याद करते हैं. आगे उन्होंने आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की. आपको बता दें कि नौ मार्च को मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पन्नों की चार्जशीट फाइल की गई थी. जिसके बाद जनवरी में हुई ये घटना सबके सामने आई. अपनी आठ साल की बेटी को खोने वाली पिता ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि, ‘मैं अपनी बेटी को हर दिन याद करता हूं. जो उसे मारने के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए.’

क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 10 जनवरी को कठुआ बकरवाल समुदाय के एक परिवार की आठ साल की बच्ची अचानक गायब हो गई थी. उसके लापता होने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करवाई गई थी. चार्जशीट के मुताबिक, आरोपियों ने घोड़े ढूंढने में मदद करने के बहाने लड़की को अगवा कर लिया था. बच्ची को देवीस्थान में बंधक बनाए रखा गया था. उसे बेहोश रखने के लिए नशे की दवाइयां दी गईं. 17 जनवरी को झाड़ियों में बच्ची का शव पाया गया था. मेडिकल जांच में गैंगरेप की पुष्टी हुई. बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में मुख्य आरोपी सांजी राम समेत आठ लोगों का आरोपी बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

समुदाय को हटाने की साजिश के तहत वारदात को दिया अंजाम
चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है कि बकरवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा थी. इसमें कठुआ स्थित रासना गांव में देवीस्थान, मंदिर के सेवादार को अपहरण, बलात्कार और हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है. सांझी राम के साथ विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा , मित्र परवेश कुमार उर्फ मन्नू , राम का किशोर भतीजा और उसका बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ शम्मा कथित तौर पर शामिल हुए. चार्जशीट में जांच अधिकारी ( आईओ ) हेड कांस्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्त भी नामजद हैं जिन्होंने राम से कथित तौर पर चार लाख रुपये लिए और अहम सबूत नष्ट किए.

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