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केजरीवाल का बड़ा बयान, मोदी पर किया जमकर वार, कहा पीएम का पद छोड़ दिल्ली के बन जाइए सीएम

Kejriwal’s big statement, made on Modi fiercely, said PM’s post should be replaced by Delhi CM

        

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में लगभग 2 लाख 93 हजार राशन कार्ड रद्द किए जाने पर फूड कमिश्नर के फैसले को गहरी साजिश बताया है। वहीं अरविंद केजरीवाल ने दफ्तर में बयान जारी करते हुए कहा कि बा घर गए ही अधिरकारियों ने अपने दफ्तर में बैठकर राशन कार्ड रद्द कर दिया। इस पर की गई मंत्रियों की आपत्तियों को भी खाद्य विभाग ने नडर अंदाज कर दिया।

जिसके पश्चात अब अरविंद केजरीवाल ने इस मामले को लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधकर ट्वीट करते हुए कहा है कि मोदीजी के फर्जी दावे का सच पढ़िए। मोदीजी ने लाल किले से कहा कि उन्होंने 6 करोड़ फर्जी राशन कार्ड कटवाए हैं। भारत के प्रधान मंत्री दिल्ली के अफसरों को फोन करके जबरदस्ती कार्ड कटवाता है। मोदी जी दिल्ली में दखल देना बंद कर दीजिए। आपसे देश तो संभल नही रहा तो पहले आप देश संभालिए। नही हो पा रहा है तो पीएम का पद छोड़ दीजिए और दिल्ली के सीएम बन जाइए। क्योंकि अधिकारी तो दिल्ली की चुनी हुई सरकार को कुछ बताते नही है। ऐसै में तो वो दिल्ली के लोगों के हितों के खिलाफ काम किए जा रहें हैं। यह बहुत बड़ी समस्या है। इसी के आगे दिल्ली के सीएम ने कहा कि फूड कमिश्नर ने 2.93 राशन कार्ड रद्द करने का फैसला तो कर लिया लेकिन इसमें फील्ड इंस्पेक्शन तो किया ही नहीं गया और न ही राशन कार्ड धारकों की कोई बात सुनी गई। यहां तक कि यह भी ध्यान नही रखा गया कि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

वहीं अरविंद केजरीवाल का यह भी कहना था कि मंडावली में तीन बच्चों की मौत होने के बाद भी अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। गरीबों से उनका रोशन छीनने के साथ-साथ गैर कानूनी तरीके से राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। अगर मंडावली जैसी घटना दिल्ली के दूसरे हिस्से में होती है तो इसके लिए पूरी तरह से फूड कमिश्नर जिम्मेदार होंगे। खाद्य मंत्री ने 26 जुलाई को लिखे नोट में उन कार्ड धारकों की डिटेल मांगी थी, जिनके कार्ड को रद्द किए जाने की तैयारी विभाग कर रहा था। लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई और मंत्री के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए मनमाने तरीके से राशन कार्ड रद्द कर दिए गए।

आपको बता दे कि मुख्यमंत्री दफ्तर के मुताबिक सबसे पहले वेरिफिकेशन होनी चाहिए थी कि जनवरी से मार्च 2018 के बीच कितने लोगों ने राशन नहीं लिया उसकी जानकारी लेनी चाहिए व उन लोगों को अपनी बात कहने का अवसर प्रदान करना चाहिए। केवल दफ्तरों में फैसला करके राशन कार्ड रद्द किया जाना तो बहुत ही गलत है। उसके आगे उन्होंने कहा कि इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या के चलते ई-पॉस मशीनों से राशन मिलने की भी दिक्कत हो रही थी। जिस कारण लोगों को राशन नहीं ले पाये। ऐसे कई मामलों में बॉयोमीट्रिक वेरिफिकेशन में परेशानी हुई है। उनका कहना है कि खाद्य मंत्री ने विभाग के अधिकारियों के कई बार लिखा कि राशन सिस्टम में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें आ रही हैं और आम लोगों को राशन भी नहीं मिल पा रहा है। समय पर राशन की दुकानें न खुलने की वजह से वहां पर लोगों के साथ बद्तमीजी की जाती है। पर इन शिकायतों को लेकर विभाग ने कोई भी कार्रवाई नहीं की। इतना ही नही इसके आगे इन्होंने कहा कि मंत्री के आदेशों की अनदेखा करना ही अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के दायरे में आता है।

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