Kerala floods : Threats of epidemic on rainstorms, Centeral Govt provided 3757 medical camps and 90 types of medicines.
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केरल में आई बाढ़ तो थमने का नाम ही नही ले रही है। रविवार को थोड़ी सी बारिश कम तो जरूर हो गई थी लेकिन इस बारिश की बाढ़ ने तो पूरी तरह से तबाही ही मचा दी है, उसने लाखों लोगों से उनकी छत छीन ली है। इस बाढ़ के कारण 7,24,649 लोगों को शिविर कैंपों का सहारा लेना पड़ रहा है। आपको बता दे कि 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं। केंदीय मंत्री के.जे एलफॉंन्स ने बताया कि न तो किसी घर में बिजली है और न ही किसी प्रकार की सुविधा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय खाने व कपड़े की जरूरत नही बल्कि सबसे ज्यादा कारपेंटर, प्लंबर व इलेक्ट्रेशियन की जरूरत है।
हालांकि केरल में विमान सेवा शुरु हो गई है और कोच्चि एयरपोर्ट भी बाढ़ का शिकार हुआ है जिस कारण वह डूबा हुआ है। जिस कारण अब विमान एयर स्टेश से शुरु हो गया है। लगातार कामर्शियल फ्लाइट सेवाएं जारी है और ज्यादातर उड़ान भरने वाली फ्लाइट कोयंबटूर व बेंगलुरु से हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का कहना है कि केरल को केंद्र की ओर से पूरी तरह से सहायता दी जा रही है। लगभग 3757 मेंडिकल कैंप व 90 प्रकार की दवाईयां राज्यों में भेजी जा रही है। महामारी न फैले उसकी भी पूरी तैयारी हो रही है। इसके आगे उन्होंने कहा कि सभी जिलों में जारी रेड अलर्ट भी अब वापस लिया जा चुका है। मौसम विभाग का भी कहना है कि अब बारिश से राहत मिलेगी। इस प्रलय ने लोगं की जान ली है जिससे लोगों को उभरने में काफी समय सग सकता है। वहीं कोजीकोड, इडुक्की व कन्नूर में अभी भी येलो अलर्ट जारी है।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का कहना है कि लोगों की जान बचाना ही सबसे ज्यादा चिंता का विषय था। जिसमें हम कामयाब हुए हैं। कम से कम केरल में अब बाढ़ की समाप्ति के संकेत तो मिल गए हैं। और गांवों में जलस्तर कम भी हुआ है। 1924 के बाद ऐसी त्रासदी कभी नही आई थी। अब तक की यह सबसे बड़ी त्रासदी थी, जिसने बहुत तबाही मचाई है। उनका कहना है कि वो हर तरह की सहायता को स्वीकारेंगे। वही विजयन का कहना है कि यह बचाव कार्य कार्य का आखिरी चरण है और कई व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये भी सहायती की अपील की जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ ग्रसित इलाकों में फंसे 22,034 लोगों को बचाया जा चुका है।
दरअसल 29 मई से आई केरल में बाढ़ से लोगों की मौत हो रही है और इस बाढ़ के चलते एर्नाकुलम, अलाप्पुझा व त्रिशूर में रेड अलर्ट जारी किया गया था जो कि अब वापस ले लिया गया है। पांडलम, चेंगन्नूर, तिरुवल्ला, पथानामथिट्टा, एर्नाकुलम में अलुवा, अंगमाली व पारावुर में आज भी लोग बिना भोजन पानी के बाढ़ में फंसे हुए हैं।