रोम एक दिन में नहीं बना था. इसी तरह, आपकी सफलता छोटे-छोटे उपायों या कदमों से तैयार होती है. निराश नहीं हों, क्योंकि इससे डर और चिंता पैदा होती है. क्या मैं दोनों परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहूंगा? ये सवाल वैसे हर स्टूडेंट के दिमाग में घूमते रहते हैं, जो बोर्ड के साथ जेईई मेन की तैयारी कर रहे हैं. आईआईटी जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षा और बोर्ड परीक्षा के बीच संतुलन साधना आसान काम नहीं है. दोनों परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवार को सफलता हासिल करने के लिए काफी दबाव और चिंता से गुजरना पड़ता है.
बोर्ड की परीक्षा मार्च के महीने में शुरू होती है, जबकि प्रतियोगी परीक्षाएं अप्रैल में शुरू होती हैं. ऐसे में छात्र-छात्राओं की तैयारी से जुड़ी रणनीति पर बुरा असर पड़ता है. कम अंक और स्टूडेंट्स में निराशा के तौर पर इसके नतीजे सामने आते हैं. लिहाजा, हर छात्र के लिए सही तरीके से प्लानिंग और लगातार फोकस बनाए रखना जरूरी होता है. अगर आप वैसे छात्र-छात्राओं में हैं, जो इन परीक्षाओं के बीच खुद को संभालने की कोशिश कर रहे हैं और तैयारी की रणनीति को लेकर दुविधा में हैं, तो आपके लिए यह लेख उपयोगी हो सकता है.
ऐसा देखा गया है कि एंट्रेस एग्जाम की तैयारी करते वक्त छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा की तैयारी को नजरअंदाज कर देते हैं. स्टूडेंट्स वहीं गलती कर देते हैं. 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा के अंक एनआईटी, आईआईटी, आईआईआईटी और सीएफटीआईएस जैसे संस्थानों में दाखिले में अहम होते हैं. दरअसल, एडमिशन से जुड़ी योग्यता संबंधी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, 12वीं क्लास में कम से कम 75 प्रतिशत अंक या संबंधित बोर्ड के टॉप 20 पर्सेंटाइल में जगह होनी चाहिए. लिहाजा, इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए इच्छुक छात्रों के लिए 12वीं में अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी है.
हम यहां जेईई मेन 2018 और 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम की एक साथ तैयारी के कुछ टिप्स दे रहे हैं.
सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा 5 मार्च को शुरू होती है और 12 अप्रैल 2018 तक खत्म हो जाती है. जेईई मेन 2018 के लिए परीक्षा ऑफलाइन मोड में 8 अप्रैल को होगी, जबकि कंप्यूटर आधारित टेस्ट 15 और 16 अप्रैल को होंगे. जेईई मेन ए़डमिट कार्ड 2018 के मार्च के दूसरे सप्ताह से मिलने की संभावना है.
जीत का मंत्र- सही तरीके से कैसे संतुलन बनाएं?
तैयारी शुरू करने से पहली और सबसे अहम चीज दोनों परीक्षाओं को कवर करने से पहले सिलेबस के बारे में जानना है. बोर्ड परीक्षा में सिर्फ 12वीं क्लास का सिलेबस शामिल होता है, जबकि जेईई मेन के सिलेबस में 11वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं के सिलेबस शामिल होते हैं. लिहाजा, यह पक्का करें कि आप उन टॉपिक से वाकिफ हों, जिसे पढ़ना अच्छे अंक हासिल करने के लिए जरूरी है. विस्तार से एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ने से आपको जेईई मेन और 12वीं बोर्ड दोनों परीक्षाओं के लिए बेहतर तरीके से तैयारी करने में मदद मिलेगी. सिलेबस से अच्छी तरह वाफिफ होने के बाद अगला कदम अपनी प्लानिंग को लेकर रणनीति बनाना है.
सही रणनीति के साथ आगे बढ़ें
दोनों परीक्षाओं में अच्छे अंक हासिल करने के लिए सही रणनीति का होना जरूरी है. शुरू से सही तरीके से तैयारी की योजना बनाना सही कदम है, क्योंकि यह आपको अपनी प्रगति के आकलन का मौका देते हुए आगे बढ़ने की इजाजत देता है.
आपको सिर्फ टाइम टेबल तैयार कर खुद के लिए रोजाना टारगेट पर काम करना है. आप अपने सिलेबस को इस तरह से बांटें कि हर दिन सभी विषयों के कुछ टॉपिक रोज पढ़ने के लिए समय दे सकें. इससे आपकी टाइम मैनेजमेंट संबंधी काबिलियत बेहतर होगी और एक विषय पढ़ने की एकरसता भी खत्म होगी. इसके अलावा, आप हर रोज कम से कम हर विषय के कुछ सेक्शन को पढ़ सकेंगे.
शाम का वक्त 11वीं क्लास के सिलेबस के लिए दें, क्योंकि यह जेईई के मुख्य सिलेबस का हिस्सा है. इस रणनीति से दोनों एग्जाम को काफी हद तक कवर करने में मदद मिलेगी.
होशियारी से किताबों को संदर्भ लें
उम्मीदवारों को तैयारी के लिए होशियारी से किताबों का चुनाव करने की सलाह दी जाती है. सिर्फ वैसे किताबों का सहारा लें, जो तैयारी के लिए बेहद जरूरी हैं. वैसी किताबों पर अपना वक्त नहीं बर्बाद करें, जिसकी आपको जरूरत नहीं है या जिसका सुझाव अन्य लोगों ने दिया है. एनसीईआरटी की किताबें आपका कॉन्सेप्ट तैयार करने के लिए आधार हैं, जबकि बाकी किताबों का इस्तेमाल जेईई की तैयारी के लिए किया जा सकता है. इन सामग्रियों से ज्यादा से ज्यादा सीखें. यह पक्का करें कि ये किताबें जेईई मेन पेपर की तर्ज पर हैं.
टॉपिक्स को रटने से बचें
सबसे बेहतर मंत्र है- टॉपिक्स को सिर्फ रटें नहीं. विस्तार से इसे समझें और सीखें. इससे आपको अपने कॉन्सेप्ट के साथ मदद मिलेगी. इसके जरिये एग्जाम में मुश्किल सवालों का हल ढूंढने में आपको मदद मिलेगी। एनसीईआरटी किताबों से कॉन्सेप्ट तैयार किए बिना रेफरेंस बुक की तरफ नहीं भागें.
विश्लेषण करें और दोहराएं
एक अच्छी रणनीति में विश्लेषण और दोहराव शामिल होता है. आपने जो पढ़ाई की है, आपको उसे याद रखने में सक्षम होना चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो आपको तत्काल तैयारी करनी चाहिए। यहां पर ‘विश्लेषण और दोहराने’ का मंत्र काम आता है. पढ़ाई करें, खुद का टेस्ट करें और उसके बाद विश्लेषण करें. जब तक सब ठीक नहीं हो जाता है, तब तक इस पूरे एक्सरसाइज को दोहराएं.
सैंपल पेपर और मॉक टेस्ट के साथ प्रैक्टिस करें
‘प्रैक्टिस यानी अभ्यास किसी शख्स को उत्तम बनाता है’. यह कहावत यहां भी लागू होती है. उपलब्ध जेईई मेन सैंपल पेपर और मॉक टेस्ट के जरिये खुद की तैयारी का टेस्ट करें. इससे आपको परीक्षा के पैटर्न की बेहतर जानकारी होती है, टाइम मैनेजमेंट में सुधार होता है और आप टेस्ट के माहौल से वाकिफ होते हैं. खुद पर भरोसा करें
रोम एक दिन में नहीं बना था. इसी तरह, आपकी सफलता छोटे-छोटे उपायों या कदमों से तैयार होती है. निराश नहीं हों, क्योंकि इससे डर और चिंता पैदा होती है. खुद पर भरोसा रखें. जेईई मेन और 12वीं क्लास में अच्छे अंक हासिल करना कठिन काम है. इस बात का ध्यान रखें कि शरीर और दिमाग को पर्याप्त मात्रा में नींद और आराम की जरूरत होती है. इन चीजों का खयाल रखें, ताकि आप फ्रेश रहें और सही दिमागी अवस्था में रहते हुए एग्जाम दें. ‘ऐसे में तैयार हों, रणनीति बनाएं और शुरू हो जाएं. गुड लक स्टूडेंट्स !