अगर अपने इनवेस्टमेंट पर ज्यादा रिटर्न्स लेने हैं तो उसके लिए ज्यादा रिस्क भी लेना पड़ेगा। रिटर्न और रिस्क में संतुलन बनाए रखना बहुत मुश्किल काम है। इसके चक्कर में कई लोग कम जाने माने निवेश उत्पादों में इनवेंस्ट करने से रह जाते हैं। ज्यादातर लोग मुख्य रूप से दो तरीके से शेयर मार्केट में इनवेस्ट करते हैं, एक तो सीधे शेयर में निवेश करके और दूसरा इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम के माध्यम से निवेश करके।
शेयर मार्केट में सीधे इनवेस्टमेंट
शेयर मार्केट, बिना कुछ काम किए केवल अपना पैसा इनवेस्ट करके पैसे कमाने का एक अच्छा विकल्प है, जिसे कुल रिटर्न को बढ़ाने के लिए अक्सर एक साधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आपको इसकी समझ होनी बहुत जरूरी है। अगर सब कुछ उम्मीद के मुताबिक चले तो शेयर बाजार में सीधे निवेश करने पर बहुत अधिक रिटर्न मिल सकता है। यदि यह आपकी उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर पाया तो आपका पूरा पैसा डूब भी सकता है। इसलिए आपको अपने स्टॉक निवेश पोर्टफोलियो पर लगातार नजर रखनी चाहिए और शेयर बाजार को प्रभावित करने वाली खबरों की जानकारी भी रखनी चाहिए। इसके अलावा, कभी-कभी शेयर बाजार आपकी उम्मीद के अनुसार काम नहीं भी कर सकता है, इसलिए आपको सही रिटर्न पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त, समय पर ध्यान देना जरूरी है। सामान्य नियम यही है कि ‘दाम घटने पर खरीदें और दाम बढ़ने पर बेच दें’। अच्छे रिटर्न्स पाने के लिए सही समय पर खरीद-बिक्री करके अपना फायदा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। नहीं तो शेयर के दाम, अपने टॉप पॉइंट से नीच आ गए तो अच्छे रिटर्न पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। यदि आप सीधे शेयरों में इनवेस्ट करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके पास पर्याप्त पैसा, समझ और बहुत ज्यादा धैर्य होना बहुत जरूरी है।
म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट
म्यूचुअल फंड शेयर बाजार में निवेश करना थोड़ा आसान बना देता है, क्योंकि यह एक प्रोफेशनल स्टाइल से आपके फंड का ख्याल रखता है। आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से जो पैसा निवेश करते हैं उसे फंड मैनेजरों द्वारा मैनेज किया जाता है, जिन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव की अच्छी समझ होती है। जिसके लिए वे ऐसे-ऐसे साधनों का इस्तेमाल करते हैं जो सामान्य शेयर निवेशकों के पास नहीं होते हैं। म्यूचुअल फंड के माध्यम से इक्विटी में निवेश करते समय, आपको सभी शेयरों और उनके प्रदर्शनों का अध्ययन करने की जरूरत नहीं है। फंड मैनेजर, पोर्टफोलियो जोखिम को कम करने के लिए आपके पैसे को अलग-अलग जगह निवेश करके आपके पैसे का ख्याल रखते हैं। आपको बस निर्धारित समय सीमा के अनुसार उम्मीद के मुताबिक रिटर्न पाने के लिए सही म्यूचुअल फंड स्कीम का चयन करना होता है।
म्यूचुअल फंड में आपको अपनी जोखिम क्षमता, रिटर्न सम्बन्धी आवश्यकता, निवेश समय सीमा, इत्यादि के अनुसार निवेश करने के लिए ढेर सारे विकल्प मिलते हैं। म्यूचुअल फंड आपको एकमुश्त राशि के रूप में निवेश करने के साथ-साथ सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के तहत किस्तों के माध्यम से निवेश करने का भी विकल्प देता है। एसआईपी के माध्यम से आप हर महीने या तय अवधि के मुताबिक कुछ पैसे देते हैं।
म्यूचुअल फंड बनाम शेयर
यदि आप अपने शेयर पोर्टफोलियो का ख्याल रखने के लिए पर्याप्त समय देने के लिए तैयार हैं, तो आप थोड़ा सा पैसा सीधे शेयर में डाल सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको समझ होनी भी जरूरी है। इक्विटी म्यूचुअल फंड, आपको अपने उद्देश्य के मुताबिक इनवेस्ट करने का विकल्प देता है। आप अपने फाइनैंशल उद्देश्यों के मुताबिक इक्विटी म्यूचुअल स्कीमों में इनवेस्ट कर सकते हैं। यदि आप डबल फायदा, मतलब टैक्स बचाना और निवेश लाभ दोनों, चाहते हैं तो प्रत्यक्ष शेयर निवेश की तुलना में म्यूचुअल फंड में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है। निवेश की लागत की दृष्टि से, म्यूचुअल फंड, प्रत्यक्ष शेयर लेनदेन की तुलना में बहुत कम चार्ज लेता है। यदि आप अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला निवेश करना चाहते हैं तो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए।
क्या यह, इक्विटी में निवेश करना का सही समय है?
इस साल शेयर बाजार नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बावजूद, अब तक ठीक रहा है। बढ़ोतरी का रुझान बने रहने की उम्मीद है लेकिन इसका अनुमान लगाना मुश्किल है कि शेयर बाजार कब पलटी मारेगा। इसलिए, यदि आप वर्तमान परिस्थिति में शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो एक सुरक्षित रिटर्न को सुनिश्चित करने के लिए, आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड में एसआईपी निवेश के साथ शुरुआत करनी चाहिए,अगर यह आपकी उम्मीद के मुताबिक नहीं चल रहा है तब भी शुरुआत इसकी के साथ करनी चाहिए।