Know that some of the common words in the spoken language are not related to Hindi.
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1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था. 1949 में जाकर संविधान सभा ने निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी. जिसके बाद हर जगह हिंदी भाषा को फैलाने के बाद 1953 से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. आईये आज आपको इस दिन रूबरू कराते हैं उन खाने-पीने के नामों से जो कि मूल रूप में हिंदी के नहीं हैं… जैसे
चाय : चाय शब्द हिंदी का नहीं है. बल्कि यह शब्द चीन से लिया गया है. चीन की मैंडरीन और कैंटनीज भाषा में इसे चा कहते हैं, जिसका मतलब है चाय की पत्ती.
गुलाब जामुन : गुलाब जामुन शब्द हिंदी शब्द नहीं बल्कि ये असल में पर्शियन नाम है. गुल का अर्थ है फूल और जामुन का अर्थ पानी होता है. वहीं अरब देशों में यह लुकमत-अल-कादी नाम से जाना जाता है.
अचार : अचार शब्द भी हिंदी नहीं है. ये शब्द भी पर्शियन है. जिसका मतलब होता है, नमक, सिरके और शहद में अच्छे से मिक्स करके रखे गए फल या सब्जियां.
अनानास : अनानास शब्द हिंदी का नहीं बल्कि साउथ अमेरिकन शब्द है.
जलेबी : जलेबी मूल रूप से अरबी शब्द जलेबिया से बना है. पर्शियन में इसे जलेबिया नाम से जाना जाता है.
समोसा : समोसा का इजाद न भारत में हुआ है और ना ही समोसा वर्ड हिंदी नहीं है. बल्कि यह पर्शियन शब्द है. बता दें, समोसा भारत में मध्य एशिया की पहाड़ियों से गुज़रते हुए पहुंचा जिस क्षेत्र को आज ईरान कहते हैं. इसका असली नाम सम्बुसक है. मध्य एशियाई देशों में इसे सोम्सा कहा जाता है. अफरिकन देशों में इसे सम्बुसा कहा जाता है.