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जानिए हनुमान जयंती का महत्‍व, कैसे करे भक्त हनुमान जी की पूजा

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के परम भक्‍त हनुमान के जन्‍मदिन का व‍िशेष महत्‍व है. हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है. इसी दिन भगवान श‍िव के 11वें अवतार परम बलशाली श्री हनुमान ने माता अंजना की कोख से जन्‍म लिया था. मान्‍यता है कि हनुमान के स्‍मरण मात्र से ही सभी कष्‍ट दूर हो जाते हैं और भक्‍तों को किसी बात का भय भी नहीं सताता. इस बार हनुमान जयंती 31 मार्च को मनाई जाएगी.

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हनुमान जयंती का महत्‍व
भक्‍तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्‍व है. संकटमोचन हनुमान को प्रसन्‍न करने के लिए भक्‍त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. मान्‍यता है कि इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्‍न होकर भक्‍तों पर कृपा बरसाते हैं. इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है. घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं. हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है. शाम की आरती के बाद भक्‍तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है. श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है.

कैसे करें पूजा
– हनुमान जयंती के दिन सुबह-सवेरे उठकर सीता-राम और हनुमान जी को याद करें.
– स्‍नान करने के बाद ध्‍यान करें और व्रत का संकल्‍प लें.
– इसके बाद स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण कर पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा को स्‍थापित करें. मान्‍यता है कि हनुमान जी मूर्ति खड़ी अवस्‍था में होनी चाहिए.
– पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें: ‘ॐ श्री हनुमंते नम:’.
– इस दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं.
– हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाएं.
– मंगल कामना करते हुए इमरती का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है.
– हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.
– आरती के बाद गुड़-चने का प्रसाद बांटें.

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शुभ मुहूर्त
– 30 मार्च 2018 को शाम 7 बजकर 36 मिनट 38 सेकेंड से पूर्णिमा आरंभ.
– 31 मार्च 2018 को शाम 6 बजकर 8 मिनट 29 सेकेंड पर पूर्णिमा समाप्त.

हनुमान जयंती के दिन बरतें ये सावधानियां
– हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्‍व है. ऐसे में नहाने के बाद साफ-धुले कपड़े ही पहनें.
– मांस या मदिरा का सेवन न करें.
– अगर व्रत रख रहे हैं तो नमक का सेवन न करें.
– हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और स्‍त्रियों के स्‍पर्श से दूर रहते थे. ऐसे में महिलाएं हनुमन जी के चरणों में दीपक प्रज्‍ज्‍वलित कर सकती हैं.
– पूजा करते वक्‍त महिलाएं न तो हनुमान जी मूर्ति का स्‍पर्श करें और न ही वस्‍त्र अर्पित करें.

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