Know the memory of Smriti Malhotra’s journey till it becomes Smriti Irani.
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बड़े-बड़े स्टार्स अपनी ही जिंदगी के कई सारे राज छिपाते हुए नजर आते हैं। जो राज दब जाते हैं क्योंकि वह आम जनता तक पहुंच ही नही पाती है। अपने चकाचौंध से ये सभी स्टार्स हम सबको लुभाते रहते हैं। शायद किसा ने सच ही कहा है कि सफलता भले ही कितनी ऊंचाईयों को क्यों न चूमें लेकिन अतीत इंसान की जिंदगी का वो हिस्सा होता है जिससे कभी भी पीछा छुड़ाया ही नही जा सकता है। तो आइए एक ऐसा ही राज हम आपको बताना चाहेंगे, जिनसे आप सभी बखूबी रूबरू हैं क्योंकि वो एक भारतीय टेलीविज़न अभिनेत्री, महिला राजनीतिज्ञ व भारत सरकार के अंतर्गत कपड़ा मंत्री भी हैं। इसके पहले भी वह मानव संसाधन विकास मंत्री रह चुकी हैं। दरअसल हम बात कर रहें हैं राजनेता स्मृति ज़ुबिन ईरानी की।
क्या आप जानते हैं कि स्मृति ईरानी का असल जिंदगी में क्या नाम था ? दरअसल उनका नाम पहले स्मृति मल्होत्रा था। मंत्री स्मृति ईरानी पहले एक टीवी एक्ट्रेस थी जिनको लोग स्मृति मल्होत्रा के नाम से जानते थे। हम आपको बता दे कि स्मृति ईरानी का सफर कुछ ऐस रहा। स्मृति ज़ुबिन ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 को दिल्ली में हुआ था। राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा ग्रहण करने वाली स्मृति ईरानी सौंदर्य प्रसाधनों के प्रचार से लेकर मिस इंडिया प्रतियोगिता की प्रतिभागी भी बन चुकी हैं। मॉडलिंग में अपना कदम रखने के पहले वह मैकडॉनल्ड्स में वेट्रेस और क्लीनर का भी काम कर चुकी हैं। जिसके बाद वो लगभग 2—22 वर्ष की उम्र में ही मुंबई मे चली गई और वहां पर उन्होंने टेलीविजन में तुलसी का केन्द्रीय रोल क्योंकि सास भी कभी बहू थी धारावाहिक से चर्चित हुई।
आपको बता दे कि स्मृति ईरानी ने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने पश्चात ही सौंदर्य प्रसाधन का प्रचार करके पैसा कमाना शुरू कर दी। रूढ़ीवादी पंजाबी-बंगाली परिवार की तीन बेटियों में से एक स्मृति ने सारी पाबंदियों को तोड़कर ग्लैमर जगत में अपना कदम रखा। उन्होंने 1998 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में भाग तो लिया, लेकिन वह उसके फाइनल तक नही पहुंच पाई। हालांकि उनका परिवार रूढञीवादी था जिसके चलते उन्हें मॉडलिंग की पर्मीशन नही दी गई। जिसके बाद उन्होंने अपना सपना पूरा करने के लिए अपना घर छोड़ दिया और मुंबई चली गई। उस समय स्मृति ईरानी बहुत ही गरीब थी और उनके पास पैसों की बहुत कमी थी। जिसके चलते जब वो अपने मॉडलिंग का खर्च नही उठा पा रही थी तो उन्होंने एक रेस्टरां में काम किया ताकी उनका खर्चा पूरा हो सके।
जब वो रेस्टरां में काम कर रही थी तो उसी दौरान उनकी मुलाकात एक अमीर पारसी लड़की से होती है फिर दोनो की दोस्ती जाती है। और वो पारसी लड़की कोई मामुली लड़की नही बल्कि वह बहुत रईस खानदान की थी जिसने स्मृति ईरानी की पूरी जिंदगी ही बदलकर रख दी। उनका नाम मोना ईरानी था और वह बहुत ही सीधी-साधी व दिल की एकदम साफ थी। साथ ही वह स्मृति को भी बहुत मानती थी। दरअसल मोना अरबपति खानदान की बहू व बेटी भी थी। इन दोनो की दोस्ती परवान तब चढ़ी जब दोनो स्मृति ईरानी के पास इतने भी पैसे नही थे कि वो अपने फ्लैट का किराया दे सकें। जब मोना ने अपनी दोस्त की तकलाफें व परिस्थिति को देखा तो वह स्मृति ईरानी को अपने आलीशान घर में ले गई और बोली कि जब तक तुम अच्छे से सेटल नही हो जाती तब तक तुम हमारे ही घर में रहो। शायद तब मोना को ये जरा स भी अंदाजा नही था कि जिस दोस्त को वो अपने घर में ले आई हैं वहीं एक दिन उन्हें उनके ही घर से निकाल देगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जब स्मृति मोना के घर में रहने लगी तब उन्हें पता चला कि ये पारसी कोई और नही बल्कि गोदरेज का भांजा फिरोज शाह है। और टाटा खानदान में इसकी बहन की शादी हुई है। इतना ही नही मुंबई, अहमदाबाद व गोवा में इनकी कई हजार करोड़ों की प्रापर्टीज है। जिसके पश्चात स्मृति ईरानी मोना के पति के करीब आने लगी। और फिर वहीं से शुरु हुआ अपनी सहेली को धोखा देने का किस्सा। पहले तो स्मृति ने जुबिन ईरानी को धीरे-धीरे करके अपने प्रेम जाल में फसाया और उसके बाद उन्होंने मोना ईरानी की बसी बसाई जिंदगी व घर को तबाह कर दिया।
वहीं जुबिन ईरानी जब स्मृति जाल में पूरी तरह से फंस गए तो उन्होंने अपनी पत्नी मोना ईरानी को तलाक दे दिया। जिसके बाद उन्होंने स्मृति मल्होतरा से शादी की। जिस कारण मोना ईरानी को अपने ही घर से जाना पड़ा। और वर्ष 2001 में दोने ने शादी कर ली व उसी साल उन्हें एक बेटा भी हो गया, जिसका नाम ‘जौहर’ है। बता दे कि इतने बड़े खानदान में शादी करने के बाद स्मृति की सफलता के दरवाजे खुल गये। जिसके बाद वह बड़े-बड़े सीरियलों में काम करने लगी। इतना ही नही उसके बाद तो उनको भाजपा में भी एंट्री मिल गयी और धीरे-धीरे स्मृति ने बहुत ही ज्यादा तरक्की करने लगी।