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जानिये क्यों करुणानिधि के निधन से शोक की लहर में है पूरा देश, क्या किया उन्होंने अपने जीवन-काल में

Know why the whole country is in the wave of grief since the death of Karunanidhi, what did they do in their lifetime

            

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि तमिलनाडु के पूर्व मुख्यंमत्री व डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि का 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। आपको बता दें कि करुणानिधि के निधन की खबर आते ही पूरा देश शोक की लहर में डूब गया और लोग सड़कों पर रोते-बिलखते दिखाई देने लगे। जिसके बाद राज्य में एक दिन का का अवकाश व सात दिन का शोक रखा गया। आइये हम आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर करुणानिधि पूरे देश के चहेते कैसे थे। दरअसल करुणानिधि भारतीय राजनेता व तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री भी थे। साथ ही वो तमिलनाडु राज्य के एक द्रविण राजनीतिक दल डीएमके के प्रमुख थे। डीएमके के संस्थापक सी. एन अन्दुरई की मृत्यु के बाद करुणानिधि नेता बने और पूरे पांच बार मुख्मंत्री भी बने थे। इतना ही नही उन्होंने अपने 60 साल के राजीतिक करियर में एक रिकार्ड बनाया है कि अपनी भागीदारी के हर चुनाव में उन्होंने विजय हासिल की है। जी हां तमिलनाडु और पदुचेरी में डीएमके का नेतृत्व करने वाली डीपीए का 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नेतृत्व किया औ लोकसभा के 40 सीटों पर अपनी जीत द्ज कराई। जिसके पश्चात उन्होंने जी.एम.के. द्वारा जीती गयी सीटों की संख्या को 2009 के लोकसभा चुनाव में 16 से बढ़ाकर 18 कर दिया और तमिलनाडु और पदुचेरी में यूपीए का नेतृत्व करके एक छोटे से गठबंधन के बाद भी उन्होंने 28 सीटों को जीत लिया।

आपको बता दे कि करुणानिधि तमिल सिनेमा के जगत में एक पटकथा लेखक के साथ एक नाटककार भी थे। उनके समर्थक उन्हें कलाईनार यानी कि कला का विद्वान कहकर बुलाते थे। तमिल साहित्य में अपने योगदान के लिए मशहूर करुणानिधि ने गाने ,चिट्ठियां, पटकथाएं, कविताएं,  ऐतिहासिक उपन्यास, संवाद, जीवनी, मंच नाटक, निबंध और किताबों आदि चीजों का लेखन किया है। इन्होंने 20 साल उम्र में ही ज्यूपिटर पिक्चर्स के लिए पटकथा लेखन करके इसकी शुरुआत की थी। और इनके द्वारा लिखी गयी कुल 75 पटकथाएं हैं।

50 वर्षों से चिट्ठियां लिखने वाले व पर स्टेट गवर्नमेंट्स न्यूज़ में प्रकाशित होने वाली सरकारी पत्रिका तमिल अरासु के संस्थापक करुणानिधि पर वीरानम परियोजना के लिए सरकारिया कमीशन द्वारा निविदाएं आवंटित करने में भष्टाचार का आरोप लगा था। लेकिन कुछ ही समय पश्चात उसके खारिज कर दिया गया था। जिसके पश्चात इनको चेन्नई में फ्लाईओवर बनाने में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। और उन पर व उनके बेटे एम. के. स्टालिन पर कई अन्य आरोप भी लगाए गए पर कोई पुख्ता सबूत नही मिला।

वहीं तमिलनाडु के राजनीतिक क्षेत्र में करुणानिधि अपने लंबे करियर में सरकार व पार्टी में अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं। दरअसल तमिलनाडु विधान परिषद में उनहें एक बार और तमिलनाडु विधानसभा में उन्हें 11 बार निर्वाचित किया गया था। इनके द्वारा लिखी गयी गद्य व पद्य पुस्तकों की संख्या 100 से भी ज्यादा है। हालांकि पहले वो मांसाहारी थे लेकिन बाद में वो शाकाहारी हो गए थे। और वो दावा करते थे कि उनकी सफलता व स्फूर्ति का रहस्य कुछ और नही बल्कि योग का अभ्यास है। इन्होंने तीन बार शादियां की थी। बता दे कि बुद्धिजीवी व पीले वस्त्र को पहनने वाले करुणानिधि का निधन 7 अगस्त 2018 को कावेरी अस्पताल मे हो गया।

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